मेरठ (ब्यूरो)। खुले बिजली के तारों के जंजाल से मुक्ति दिलाने की पीवीवीएनएल की अंडरग्राउंड केबिल की योजना भले ही तेजी से पूरा करने का दावा किया जा रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी शहर की हजारों गलियों और सैकडों मोहल्लों में बिजली के खंभे बिजली के तारों से ना सिर्फ लदे हुए हैं बल्कि इस कदर उलझे हुए हैं कि आए दिन इन बिजली के तारों में फॉल्ट होने से पावर सप्लाई बाधित हो जाती है। इलाके में पावर कट की समस्या से जूझ रहे खत्ता रोड के निवासी सीपी मलिक ने पीवीवीएनएल को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट कर समस्या के निस्तारण की मांग की है।

तारों से झुक रहे खंभे
गौरतलब है कि शहर के अंदर संकरी गलियों में बने बिजली के खंभों पर सैकड़ों बिजली के तारों का जाल बुना हुआ है। इस जाल के कारण आए दिन बिजली के तारों में शार्ट सर्किट आग जैसी घटनाएं आम सी बात हैं। वहीं बरसात में इन तारों के उलझे जाल के कारण पूरे खंभे में करंट उतर आता है। खत्ता रोड पर अधिकतर गलियों में लगे विद्युत पोल की हालत इस कदर जर्जर है कि वहां खंभे नीचे से गले हुए हैं और ऊपर से तारों का जाल उलझा हुआ है। ऐसे में इस क्षेत्र में लगातार बिजली के खंभों व तारों से हादसे होते रहते हैं।

दो साल से जारी योजना
बिजली के हवा में लटके तार और बिजली के खंबों का लोड कम करने के लिए विभाग ने दो साल पहले बिजली के तारों को अंडर ग्राउंड करने की योजना तो बनाई थी लेकिन योजना अभी तक जारी है। इस योजना के तहत मेरठ में करीब 954 किमी क्षेत्र में विद्युत लाइन को भूमिगत करने का प्लान है। लेकिन योजना अभी तक अधर में है। इस योजना में एलटी, एचटी और 33 केवी लाइनों को भूमिगत किया जाना है। इसमें अंडरग्राउंड करने पर प्रति किमी लगभग 70 लाख से एक करोड़ तक अनुमानित खर्च है। जिसके लिए विभाग ने करीब 92 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया था।

इन क्षेत्रों में अंडर ग्राउंड लाइन की जरुरत
हापुड रोड, वैली बाजार, गुदड़ी बाजार, खत्ता रोड, लाला का बाजार, सराफा बाजार स्थित नील गली, कैंचीयान, घंटाघर, खैरनगर, कबाड़ी बाजार, कोटला, अनाज मंडी, कागजी बाजार, शीश महल, डालमपाड़ा, सराय लाल दास, मकसूद अली चौक, प_ा मोहल्ला, किशन पुरी, केसरगंज, जलीकोठी, दालमंडी, पूर्वा महावीर आदि।

अंडरग्राउंड केबिल योजना के तहत ये होना था काम
योजना के तहत पीवीवीएनएल की लगभग 1500 किमी भूमिगत लाइन डलने का अनुमान।

33 केवी लाइनों, एलटी और एचटी लाइनों को किया जा रहा है भूमिगत।

70 लाख से एक करोड़ तक अनुमानित है अंडरग्राउंड करने पर प्रति किमी खर्च।

954 किमी क्षेत्र में विद्युत लाइन होगी अंडरग्राउंड।

92 करोड़ रुपए इसके लिए विभाग खर्च करेगा।

185 एमएम, 240 एमएम और 300 एमएम मोटाई के केबल होंगे भूमिगत।

अंडरग्राउंड केबिल योजना के लिए पुराने शहर में लगातार सर्वे किया जा रहा है। कई क्षेत्रों में अंडरग्राउंड लाइन का काम पूरा भी हो चुका है। बाकि क्षेत्रों में जल्द काम शुरू होगा।
राजेंद्र बहादुर, अधीक्षण अभियंता