मेरठ (ब्यूरो)। विकास के नाम पर नगर निगम और एमडीए मजबूत गारंटी वाली सड़कें बनाकर शहर की हालत सुधारने का प्रयास कर रहे हैैं। मगर उन सड़कों पर जर्जर हो चुके डिवाइडर दोनों की नजर से ही चूक जा रहे हैैं। इतना ही नहीं, जर्जर हो चुके ये डिवाइडर अब लोगों की परेशानी का सबब बनने लगे हैैं। कुछ ऐसा ही हाल है भूमियापुल से लिसाड़ी गांव तक जाने वाली रोड पर बनाए गए डिवाइडर का है। जो जगह-जगह टूटकर रोड पर फैल गया। इसकी वजह से यहां रोजाना जाम लगने लगा है। जाम की समस्या से आजिज आकर स्थानीय नागरिक शाकिर ने सोशल मीडिया एक्स पर एक ट्वीट कर डिवाइडर की मरम्मत करने की मांग उठाई है।
दंगे की भेंट चढ़ा डिवाइडर
गौरतलब है कि भूमिया पुल से लेकर लिसाड़ी गांव तक की रोड पर आए दिन लगने वाले जाम की समस्या को दूर करने के लिए साल 2013 में एसएसपी रहे के। सत्यनारायण ने हापुड़ रोड और लिसाड़ीगेट क्षेत्र में डिवाइडरों को ऊंचा कराया था। इसके साथ ही इस रोड पर अधिकांश स्थानों पर कट भी बंद कराए गए थे। साथ ही हापुड़ रोड पर भी डिवाइडरों की ऊंचाई और चौड़ाई अधिक करवाकर ग्रिल लगवाई गई थीं। लेकिन साल 2019 एनआरसी को लेकर हुए बवाल में उपद्रवियों ने लगभग 300 मीटर डिवाइडर को तहस-नहस कर दिया गया। डिवाइडर पत्थरों में तब्दील हो गया था। इस डिवाइडर की टूटी ईंटों का प्रयोग पुलिस से टकराव के दौरान किया गया। वहीं उपद्रवी डिवाइडर से लगी ग्रिल का लोहा उठाकर अपने घर ले गए। दंगे को पांच साल बीत गए हैैं लेकिन आज तक डिवाइडर की मरम्मत नहीं की गई।
एस्टीमेंट बनाकर देगा निगम
दरअसल, इस जिस रोड पर ये डिवाइडर बना है उसका निर्माण निगम ने कराया है लेकिन उस सड़क पर बने डिवाइडर का निर्माण एमडीए को करना है। इस बाबत निगम को एस्टीमेट बनाकर देना है लेकिन ये प्रोसेस अधर में अटका हुआ है।
जाम का बड़ा कारण
स्थानीय लोगों को कहना है कि इस क्षेत्र में जगह-जगह मेन रोड पर टूटा पड़ा डिवाइडर बीते पांच साल से रोजाना ट्रैफिक जाम का कारण बनता है। यहां से वाहन लेकर निकलने में लोगों के पसीने छूट जाते हैैं लेकिन नगर निगम है कि इस समस्या को दूर करने से कन्नी काट रहा है। मलबे से बचने के लिए लोग रॉन्ग साइड से वाहन निकालते हैैं और यही जाम का कारण बनता है।
इनका है कहना
टूटे डिवाइडर की ईंटे और मलबा सड़क पर दूर-दूर तक फैला हुआ है। पांच सालों में बचा-कुचा डिवाइडर भी जर्जर हो चुका है। आए दिन बाइक और कार यहां दुर्घटनाग्रस्त होती रहती है।
शहजाद
डिवाइडर को पूरी तरह से खत्म कर दें या इसकी रिपेयरिंग करा दे, तो जाम की समस्या से निजात मिल सकता है। वरना यहां जाम के हाल जस के तस रहेंगे।
शाकिर
वैसे तो शहर में विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैैं लेकिन बीते पांच साल से इस डिवाइडर की मरम्मत नहीं हो पाई है। ना ही निगम या एमडीए इस ओर ध्यान दे रहा है।
मोनू
इस संबंध में अभी जानकारी नहीं है। जल्द सर्वे कराकर देखा जाएगा और बजट बनाकर इस डिवाइडर को रिपेयर कराया जाएगा।
विजय सिंह, टाउन प्लानर, एमडीए
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