मेरठ (ब्यूरो)। शहर की गलियों में बिजली के तारों का जाल फैला है। इसे देखकर यह लगता है जैसे यह कोई मधुमक्खी का छत्ता है। बाजारों और मोहल्लों में बेतरतीब तरीके से फैले बिजली के तार हादसे का सबब बने हैं। यही हालत शहर के सूरजकुंड रोड की है। यहां की संकरी गलियों और मोहल्लों में बिजली के खंभों पर लटकते तारों में करंट दौड़ता है। ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है।

बिजली विभाग की लापरवाही
यही नहीं, खंभों पर लगे कनेक्शन बॉक्स भी विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते स्थानीय लोगों की परेशानी बने हुए हैं। शहर की अधिकतर कालोनियों में कनेक्शन बॉक्स की समस्या से लोग परेशान हैं शिकायतें तक की जा चुकी हैं लेकिन विद्युत विभाग सुनने को तैयार नही है।

जगह-जगह लटके कनेक्शन बॉक्स
गर्मियों में बिजली की खपत बढ़ते ही शहर में बिजली की लाइनों में फाल्ट शुरू हो जाते हैं। इससे हादसों की संख्या भी बढ़ जाती है। बिजली के लोड से ज्यादा बिजली के जर्जर तारों का जाल और गलत कनेक्शन लाइन में फॉल्ट का कारण बनते हैं। लोड बढऩे से जर्जर तारों में स्पार्किंग शुरु हो जाती है। इस कारण कहीं पर तार टूटते हैं तो कहीं पर आग भी लग जाती है। बावजूद इसके, इन तारों को बदलने को लेकर विभाग उदासीन बना हुआ है।

बिजली के खंभों में दौड़ता है करंट
सूरजकुंड रोड स्थित शमशान रोड पर बिजली के खंभों पर तारों का जाल फैला है। बिजली के खुले तारों के जाल के बीच कनेक्शन बॉक्स तक लटकते हैं। इनसे तार बाहर झूल रहे हैं। स्थानीय नागरिक अपने स्तर पर कई बार शिकायत कर कनेक्शन बॉक्स को सही करा चुके हैं लेकिन आए दिन कनेक्शन बॉक्स खुल जाता है और तार बाहर निकल जाते है। इन बिजली के तारों में करंट से पूरे खंभे में करंट दौड़ जाता है।

पूरी नहीं हो सकी योजना
बिजली के तारों के जंजाल से निजात दिलाने के लिए बीते साल बिजली विभाग ने बिजली के तारों को भूमिगत करने की योजना तो तैयार की थी, लेकिन अभी तक योजना अधूरी है।

एक नजर में
1500 किमी अंडरग्रांउड बिजली बिछाने का अनुमान है पीवीएनएल का
33 केवी लाइन को भूमिगत किया जाएगा योजना के तहत
70 लाख से एक करोड़ तक का खर्च आता है प्रति किमी अंडरग्राउंड करने में
954 किमी मेरठ के क्षेत्र में विद्युत लाइन होगी भूमिगत
92 करोड़ रुपए पीवीवीएनएल खर्च करेगा अंडरग्राउंड लाइन बिछाने में
3 तरह के केबिल एलटी, एचटी और 33 केवी बिजली लाइनें होंगी भूमिगत
185 एमएम, 240 एमएम और 300 एमएम मोटाई के भूमिगत केबल डाले जाएंगे
15 से 20 साल होती है अंडरग्राउंड लाइन की लाइफ
5 से 8 साल में खराब हो जाते हैं बिजली के खुले तार

बिजली के खंभों पर कनेक्शन बॉक्स लटकते रहते हैं। इसकी हम कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं। पर समस्या का समाधान नही हो रहा है। स्थिति यह है कि खुद स्थानीय लोग अब इन खंभों से संभल कर दूरी बनाकर रहने लगे हैं।
सुमित शर्मा

हनुमान पुरी, आर्यनगर, राम बाग कालोनी समेत सूरजकुंड रोड पर कई ऐसी गलियां हैं जहां बिजली के खंभों पर कनेक्शन बॉक्स व खुले तार लटके हुए हैं। बरसात में करंट का डर बना रहता है।
अजीत शर्मा

ये लापरवाही ही है अगर इन बॉक्स को सही करा दिया जाए तो कम से कम इन लोहों के खंभों में करंट का डर नही रहेगा। कई बार पशु इन खंभों के कारण करंट की चपेट में आ चुके हैं।
दीपू सैनी

सर्वे का काम चल रहा है, जहां-जहां बिजली के तार लूज हैं या कनेक्शन सही नही है। उनको सही कराया जाएगा।
राजेंद्र बहादुर, अधीक्षण अभियंता सिटी