मेरठ (ब्यूरो)। आवास विकास द्वारा बकाएदारों को दी एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) द्वारा पेनल्टी पर छूट दी गई है। कुछ तो मजबूरियां रही होंगी कि इतनी बड़ी छूट मिलने के बाद भी बकाएदार बकाया नहीं दे पाए। हालांकि आवास विकास की इस योजना के प्रभावित होने का कारण गत दो साल से कोरोना को माना जा रहा था। लेकिन, ओटीएस ने इस साल बकाए में कुछ राहत पहुंचाते हुए 734.39 लाख रुपए का राजस्व दिला दिया है। हालांकि यह राजस्व बकाया अमाउंट से काफी कम है। लेकिन, धीरे-धीरे ही सही आवास विकास का बकाया कुछ कम होना शुरू हुआ है। इससे आवास विकास ने कुछ राहत महसूस की है। आवास विकास का यह बकाया उन लोगों के पास है। जिन्होंने आवास विकास में मकान लिया। लेकिन, उसकी किस्त जमा करना भूल गए।
वर्ष 2019 में शुरू हुई योजना
अपने बकाएदारों से वसूली के लिए आवास विकास ने साल 2019 से ओटीसी शुरू की थी। इस दौरान कुछ भवन स्वामियों ने लाभ उठाते हुए पैसा जमा किया था। लेकिन, उसके बाद 2020 और 2021 में ओटीएस कोरोना की भेंट चढ़ गई। अब पिछले साल के इस बकाए की वसूली के लिए 2021-22 के लिए ओटीएस नवंबर में शुरू की गई थी। जिसके तहत आवास विकास मेरठ और हापुड़ के मात्र 289 बकाएदारों ने ही ओटीएस योजना का लाभ उठाया।
एक हजार के करीब बकाएदार
आवास-विकास के आंकड़ों पर नजर डालें तो रिकॉर्ड में मेरठ में पिछले 24 साल से बकाएदारों की संख्या में पांच गुना इजाफा हुआ है। साल 2022 तक विभाग के बकाएदारों की संख्या 1040 के पार पहुंच चुकी है। इन बकाएदारों में माधवपुरम में अल्प आय आवास योजना के लाभार्थियों की संख्या सबसे अधिक है। इसके अलावा जागृति विहार, मोहनपुरी और शास्त्रीनगर के एलआईजी आवास के लाभार्थी बकाएदारों में शामिल हैं। जिन्होंने आवास-विकास की योजना में शामिल होकर आवास तो ले लिया। लेकिन, उसकी किस्त जमा करनी बंद कर दी।
48 करोड़ से ज्यादा बकाया
मूल और ब्याज मिलाकर बकाएदारों पर गत वर्ष तक विभाग का करीब 481304709.65 करोड़ से अधिक का बकाया था। विभाग की मानें तो हर साल नोटिस भेजने के बावजूद विभाग आज तक इस रकम का 10 प्रतिशत भी वसूल नहीं कर पाया है। ऐसे में ओटीएस स्कीम विभाग के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। इससे भी खासबात यह है कि पिछले 24 साल से अटके हुए बकाए पर लगने वाली पेनल्टी या कहें कि ब्याज, मूल रकम से अधिक हो गई है। गत वर्ष तक विभाग के 1329 बकाएदारों पर करीब 18.30 करोड़ का मूल बकाया था। जिनमें से 289 बकाएदारों ने ओटीएस के माध्यम से अपना बकाया इस साल जमा करा दिया। लेकिन, इस पर हर साल लगने वाले ब्याज की रकम अब करीब 29.35 करोड़ रुपए के भी पार हो गई है।
फैक्ट
-289 मेरठ, हापुड़ के भवन स्वामियों ने ओटीएस योजना 2020 के तहत कराया पंजीकरण
- 270 मेरठ के और हापुड़ के मात्र 19 भवन स्वामी हुए शामिल
-672.68 लाख रुपए मेरठ के भवन स्वामियों ने कराया जमा, जबकि बकाया था 1195.65 लाख
-61.71 लाख रुपए हापुड़ के भवन स्वामियों ने कराया जमा, जबकि 66.24 लाख रुपया होना था जमा
वर्जन
ओटीएस योजना दो साल से प्रभावित थी। इस साल हमने ओटीएस का खूब प्रचार किया। जिससे ओटीएस के प्रति भवन स्वामियों का रुझाना बढ़ा है। अगले साल दोगुने आवेदकों को जोडऩे का प्रयास रहेगा।
-केशव राम, संपत्ति अधिकारी