मेरठ (ब्यूरो)। दिल्ली रोड स्थित मंगतपुरम में कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई साल दर साल बढ़ती जा रही है। हालांकि इस बाबत नगर निगम ने दावा किया था कि मंगतपुरम में 9.20 करोड़ रुपये की लागत से कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए पिछले साल से निगम लगातार कूड़ा निस्तारण के लिए टेंडर प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने में जुटा हुआ था। मगर फिलहाल स्थिति यह है कि न तो टेंडर फाइनल हो पा रहा है और न ही कूड़ा निस्तारण प्लांट ही लग पा रहा है। इस माह तीसरी बार टेंडर निरस्त होने से निगम का दावा पूरी तरह हवा हवाई साबित हुआ है। वहीं, मंगतपुरम के कूड़े के पहाड़ की वजह से आसपास की 10 कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का जीना दुश्वार हो गया है।

बजट तक सीमित प्लान
गौरतलब है कि दिल्ली रोड स्थित मंगतपुरम में 1971 से शहर के बड़े हिस्से का कूड़ा डाला जा रहा है। स्थिति यह है कि यहां कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई करीब 30 फुट तक पहुंच चुकी है। हालांकि अब इस जगह पर कूड़ा डालना बंद कर दिया गया है। बावजूद इसके आज तक यहां खड़े कूड़े का पहाड़ का निस्तारण नहीं हो सका है। निगम के अनुसार मंगतपुरम में 9.50 लाख मैट्रिक टन कूड़ा है। जिसके निस्तारण के लिए शासन ने 9.20 करोड़ रुपये का बजट निगम को आवंटित किया था। लेकिन इसका टेंडर गत माह के अंत तक भी नहीं हो सका।

फैक्ट्स पर एक नजर
2017 में नगर निगम और ऑर्गेनिक री-साइकिलिंग लिमिटेड कंपनी के बीच कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने का 25 साल का अनुबंध हुआ था।

नगर निगम की लापरवाही के चलते कंपनी प्लांट नहीं लगा पाई।

2020 में 14वें वित्त आयोग की बैठक में मंगतपुरम में बायोकैपिंग तकनीक से कूड़ा निस्तारण के पुराने प्रस्ताव को निरस्त कर दिया था, क्योंकि शासन को भेजी गई डीपीआर स्वीकृति नहीं हुई थी।

स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक ने कूड़ा प्लांट परियोजना पर सहमति जताते 9 जून 2023 को नगर निगम को पत्र जारी किया था। जिसके बाद कूड़े के निस्तारण के लिए शासन ने 9.20 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया था।

नगर निगम की ओर से इस बाबत तीन बार टेंडर निकाला जा चुका है। दो टेंडर पहले ही निरस्त हो चुके हैैं और 30 जुलाई को अंतिम टेंडर भी निरस्त हो गया।

कूड़े के ढेर और आसपास फैली बदबू के कारण सूर्या पैलेस, माधवपुरम, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, साईंपुरम समेत अन्य कॉलोनियों और मोहल्लों मेें रहने वाले परेशान हैैं।

कूड़े और बदबू के कारण यहां हरे-भरे पेड़ों की पत्तियां पीली पडऩे लगी हैं और नए पौधे इस क्षेत्र में पनप नहीं रहे हैं।

इनका है कहना
मंगतपुरम के कूड़े के पहाड़ से दूर-दूर बदबू फैली रहती है। लोग अब इस कूड़े के ढेर के कारण बीमारियों का शिकार होने लगे हैैं।
गौरव राजपूत

यहां बरसात के मौसम में कूड़े की बदबू के कारण सांस लेना तक दूभर हो जाता है। डेंगू और मलेरिया का खतरा भी बना रहता है।
गौरव शर्मा

कूड़ा निस्तारण के नाम पर हर साल नगर निगम प्लानिंग तैयार करता है लेकिन टेंडर प्रक्रिया पर आकर सारी प्लानिंग फेल हो जाती है।
शेरा

मंगतपुरम के लिए प्रयास चल रहा है री-टेंडरिंग की जाएगी। जल्द ही यहां कूड़े के निस्तारण का काम शुरू होगा।
प्रमोद कुमार, अपर नगरायुक्त