मेरठ (ब्यूरो)। लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा करने वाले जिला अस्पताल में ब्लड़ ट्रीटमेंट प्लांट, बर्न यूनिट, एमआरआई मशीन, आईसीयू में इलाज और ट्रॉमा सेंटर की सुविधा ही नहीं है। बात यही खत्म नहीं होती, अस्पताल में कैंसर, गुर्दों और हार्मोंस समेत आठ तरह की बीमारियों के इलाज से भी मरीज महरूम है। तो क्या यहां सिर्फ सदी-खांसी और बुखार का इलाज होता है।
करीब 67 लाख बचा
यह स्थिति तब है जब जिला अस्पताल के पास बजट की कोई कमी नहीं है। 2.40 करोड़ के बजट में से गत नौ माह में 1.70 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं और करीब 67 लाख अब बचा हुआ है। उसके बाद भी सुविधाए नदारद हैं। ये जानकारी आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी द्वारा डाली गई आरटीआई के जवाब में सामने आई है।
आरटीआई में आया सामने
2.37 करोड़ का बजट 2023-24 के लिए जारी हुआ
1.69 करोड़ अगस्त माह तक खर्च हुआ
67 लाख 39 हजार 147 रुपये की बची धनराशि
67 लाख 44 हजार 452 रुपये मरीजों के भोजन पर हुए खर्च
25 लाख 81 हजार 720रुपये औषधी और रसायन पर हुआ खर्च
35 लाख 84 हजार रुपये आउटसोर्सिंग पर हुआ खर्च
प्रभारी मंत्री ने जताई थी नाराजगी
जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का सबसे ताजा उदाहरण है गत दिनों जिला अस्पताल में पहुंचे प्रदेश के पशुधन, दुग्ध विकास और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री और जिले के प्रभारी धर्मपाल सिंह के औचक निरीक्षण में देखने को मिला। जब अस्पताल परिसर में भरपूर गंदगी, मरीजों की लंबी कतारें, चिकित्सकों की कमी से लेकर दवाओं की उपलब्धता पर मंत्री जी ने प्रश्न चिन्ह लगा दिया। जिला अस्पताल में अव्यवस्थाएं देखकर प्रभारी धर्मपाल सिंह का पारा चढ़ गया। प्रभारी मंत्री जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए लगी कतार को देखकर कक्ष के बाहर रुक गए। उन्होंने मरीजों से पूछा तो पता चला कि यहां मामूली जांच के लिए भी कई-कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है।
डॉक्टरों के पद खाली
जिला अस्पताल में हर साल ओपीडी में करीब पांच लाख तक मरीज आते हैं। यहां पहले से ही चिकित्सकों के 25 पद खाली पड़े हैं। आईसीयू और एमआरआई यूनिट में भी अलग से चिकित्सकों समेत 15 लोगों के स्टाफ की तैनाती की जरूरत है।
यह सुविधाएं सालों से अधूरी
ब्लड़ ट्रीटमेंट प्लांट की कवायद
बर्न यूनिट की सुविधा
तीन साल पहले नई बिल्डिंग बनने के सात करोड़ रुपये की एमआरआई मशीन नहीं लग पाई है।
इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भी मरीजों को भर्ती की सुविधा नही मिल रही है
करीब सवा करोड़ रुपये की लागत पर बन रहे ट्रॉमा सेंटर का इंतजार
जिला अस्पताल में कैंसर, गुर्दों और हार्मोंस समेत 8 तरह की बीमारियों के मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है।
इन बीमारियों के नहीं हैं विशेषज्ञ चिकित्सक
मस्तिष्क से संबंधित न्यूरो सर्जरी
कैंसर से संबंधित ऑन्कोलॉजी
त्वचा से संबंधित प्लास्टिक सर्जरी
गुर्दों से संबंधित नेफ्रोलॉजी
कैंसर से संबंधित रेडियोथैरेपी
बच्चों की बीमारी से संबंधित पीडियाट्रिक्स सर्जरी
हार्मोंस से संबंधित बीमारियां
स्त्री एवं प्रसूति रोग
बजट के अनुसार काम कराए जा रहे हैं लेकिन कुछ सुविधाएं शासन स्तर से अधर में अटकी हुई हंै। जिनमें ट्रॉमा सेंटर, ब्लड ट्रीटमेेंट प्लांट, एमआरआई, बर्न यूनिट शामिल हैैं। हालांकि इन सभी पर काम चल रहा है, जिनके जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
डॉ। कौशलेेंद्र, एसआईसी