मेरठ (ब्यूरो)। गौरतलब है कि बीते छह महीने से सिटी रेलवे स्टेशन पर पार्किंग का संचालन बंद है। मार्च माह में पार्किंग का अनुबंध पूरा हो गया था। इस कारण यहां से पार्किंग खत्म हो गई है। हालांकि, छह माह से रेलवे की ओर से पार्किंग के ठेके का टेंडर निकाला जा रहा है। बावजूद इसके, कोई ठेकेदार रेलवे के किराये के अनुसार ठेका लेने को तैयार नही है। इस कारण से सिटी स्टेशन पर दोनों पार्किंग स्टैंड राम भरोसे चल रहे हैं।

कर्मचारी नहीं तैनात
हालत यह है कि यहां वाहनों के लिए पार्किंग की जगह तो है लेकिन उनकी निगरानी के लिए कोई कर्मचारी तैनात नही है और ना ही किसी प्रकार की सुरक्षा की व्यवस्था पार्किंग में है।

बस डिपो पर भी मुश्किल
शहर के दोनो प्रमुख बस डिपो भैंसाली और सोहराबगेट डिपो पर पिछले करीब तीन साल से पार्किंग बंद हैं, लिहाजा पार्किंग ना होने से दिल्ली, नोएडा, मुजफ्फरनगर आदि जाने वाले दैनिक यात्रियों को दिक्कत होती है।

सिटी स्टेशन की दिक्कत
कोरोना काल से पहले एक लाख रुपए प्रति माह के हिसाब से एक साल का पार्किंग ठेका दिया जाता था।

कोरोना काल में ट्रेने बंद हो गई थी। इससे ठेकेदार को किराया निकालना भी मुश्किल हो गया था।

ऐसे में अब कोई भी ठेकेदार रेलवे के तय किराये के मुताबिक पार्किंग का ठेका लेने को तैयार नही है।

ऐसे में अनुबंध के अनुसार ठेका तय नही सका है, लिहाजा छह माह से पार्किंग की सेवा फ्री चल रही है।

भैसाली डिपो की दिक्कत
साल 2019 में बस डिपो के नवीनीकरण के दौरान पार्किंग खत्म की गई थी।

उसके बाद से नए बने बस डिपो पर पार्किंग की जगह नही दी गई।

तीन साल से पार्किंग की जगह तय ना होने से भैंसाली डिपो पर पार्किंग नही है।

सोहराबगेट बस डिपो का हाल
4 साल पहले साल 2018 तक पार्किंग का संचालन था

बस डिपो की जमीन के विवाद के कारण पार्किंग खत्म कर दी गई।

तब से आज तक सोहराबगेट पर भी पार्किंग शुरु नही हो सकी है।

सिटी रेलवे स्टेशन की पार्किंग का टेंडर मार्च माह में पूरा हो गया था उसके बाद से अभी तक टेंडर फाइनल नही हो सका है। जल्द इस प्रक्रिया को पूरी कर पार्किंग को चालू किया जाएगा।
आरपी सिंह, स्टेशन अधीक्षक

पार्किंग बंद होने से काफी परेशानी होती है। हमें हर सप्ताह अपने व्यापार के लिए शहर से बाहर जाना होता है। लेकिन गाड़ी पार्क करने की सुविधा नही है। ऐसे में ड्राइवर को लेकर जाते हैं वह हमें छोड़कर वापस आ जाता है।
गौरव राजपूत

मुझे अपने काम से हर 10- 15 दिन में रूड़की देहरादून जाना पड़ता है। ऐसे में सिटी रेलवे स्टेशन के पास कुछ दुकानदार अपनी गारंटी पर किराया लेकर गाड़ी खड़ी करा लेते हैं इस तरह काम चल जाता है। पार्किंग ना होने परेशानी तो काफी है।
अमित मित्तल

हमें तो रोजाना दिल्ली जाना पड़ता है इसलिए सुबह ट्रेन पकडऩे स्टेशन आते हैं। चार पांच माह से पार्किंग बंद है। इसलिए हमने तो स्टेशन के पास एक दुकान से महीने का किराया बांध लिया है उसके पास ही बाइक पार्क कर देते हैं।
काशीराम

मुझे मेरठ से मुरादाबाद राज्यरानी से जाना था। लेकिन सुबह ट्रेन पकडऩे के लिए जब में स्टेशन पहुंचा तो पार्किग बंद मिली। सुबह सवेरे अपनी गाडी खड़ी करने के लिए पार्किंग की सुविधा ना होने से काफी परेशानी हुई। रेलवे प्रबंधन को इसके बारे में व्यवस्था करनी चाहिए।
संजय जैन