मेरठ (ब्यूरो)। आप शायद यह नहीं जानते कि इन दिनों इस्लामाबाद वार्ड-72 के कुत्ते लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैैं। दिन हो या रात कुत्ते आते-जाते लोग को डॉग बाइट का शिकार बना रहे हैैं। यूं तो आवारा कुत्तों के आतंक से शहरवासियों को निजात दिलाने के लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम के तहत नगर निगम ने परतापुर में एक नसबंदी सेंटर खोला था। बावजूद इसके कुत्तों की आबादी और डॉग बाइट की घटनाएं घटने की बजाए बढ़ती जा रही है। हाल ही में डॉग बाइट से आजिज आकर एक स्थानीय निवासी चांद मोहम्मद ने ट्विटर पर इस समस्या से निजात की मांग उठाई है। ट्वीट में डीएम से लेकर नगर विकास मंत्री तक को टैग किया गया है। यह ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
38,860 डॉग बाइट के शिकार
केवल इस्लामाबाद ही नहीं, रोजाना शहर के अलग-अलग इलाकों से डॉग बाइट के मामले लगातार सामने आ रहे हैैं। पूरे जिले में रजिस्टर्ड डॉग बाइट के आंकड़ों की बात करें तो बीते साल के मुकाबले इस साल यह मामले पांच हजार से ज्यादा बढ़ गए हैैं। बीते वर्ष 33,166 डॉग बाइट के मामले सामने आए थे। जबकि इस वर्ष अभी तक 38,860 लोग डॉग बाइट के शिकार हुए हैैं। यानि प्रतिदिन करीब 107 लोग डॉग बाइट का शिकार हो रहे हैैं। डॉग बाइट के शिकार लोगों में छोटे बच्चों की संख्या अधिक है।
नसबंदी केवल खानापूर्ति
दो साल पहले एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की टीम के सदस्य ने निरीक्षण कर परतापुर बराल के शंकर नगर फेज दो में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर फाइनल किया था। डेढ़ साल पहले कुत्तों की नसबंदी का अभियान भी शुरू किया। नगर निगम के मुताबिक अभी तक करीब 17 हजार से अधिक कुत्तों की नसबंदी की चुकी है। मगर इस दावे में दम नजर नहीं आता क्योंकि निगम के 90 वार्डों में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह बड़ा सवाल है। जिसका जवाब शायद निगम के पास नहीं है। इतना ही नहीं, इस केंद्र में नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सिनेशन किया जाना था। मगर यहां केवल नसबंदी का प्रोसेस ही चल रहा है।
हर माह 1000 कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य
पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ। हरपाल सिंह के अनुसार प्रतिमाह 1000 कुत्तों की नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का लक्ष्य रखा गया है। साल में 12000 कुत्तों की नसबंदी की जानी थी लेकिन ड़ेढ साल में यह संख्या 15000 तक पहुंच सकी है। जबकि एक अनुमान के मुताबिक नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या करीब 50,000 होगी।
डॉग बाइट के मामले बढ़े
माह 2022 2023
जनवरी 2771 5295
फरवरी 3651 5167
मार्च 4019 5409
अप्रैल 3844 4982
मई 4309 4759
जून 4017 4722
जुलाई 3740 4172
अगस्त 3062 4165
सितंबर 3753 189
कुल 33166 38860
बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम के तहत नसंबदी कार्यक्रम लगातार चलाया जा रहा है। मगर कुत्तों की नसबंदी के बाद उनको उसी स्थान पर छोडऩा होता है जिस स्थान से उठाए गए थे। इसलिए अभी संख्या में कुछ खास अंतर नहीं दिख रहा है। लेकिन धीरे-धीरे संख्या कम होगी तो डॉग बाइट के मामले भी कम होते जाएंगे।
डॉ। हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी