केस-1 : ग्राहक सेवा की जानकारी नहीं
शास्त्री नगर निवासी 24 वर्षीय आकाश ने ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट से प्रीमियम स्मार्टफोन की ऑनलाइन बुकिंग की। कार्ड से डेढ़ लाख रूपये की पेमेंट भी कर दी। पांच दिन बाद भी डिलीवरी नहीं आई। आलोक ने साइट पर सर्च किया तो तकनीकी सहायता या ग्राहक सेवा की कोई जानकारी नहीं थी।
केस-2: साइट ही नकली निकली
शारदा रोड निवासी रेखा ने एक नामी वेबसाइट पर कपड़े खरीदने के लिए एक ऑर्डर किया। पेमेंट के बाद न तो सामान मिला और न ही साइट का कोई जवाब आया। थोड़ी छानबीन के बाद पता चला कि साइट नकली थी।
केस-3: बंद हो चुकी है साइट
रोहटा रोड निवासी अंकिता ने घर के कुछ सामान के लिए एक वेबसाइट पर आर्डर कर पेमेंट कर दिया।जब डिलीवरी नहीं आई, तो उन्होंने साइट पर संपर्क किया, लेकिन साइट बंद हो चुकी थी।
मेरठ (ब्यूरो)। घर बैठकर ऑनलाइन शॉपिंग करना लोगों की लिए नई मुसीबत बन गया है। साइबर ठग यहां भी एक्टिव हो गए हैं। वेबसाइट्स की प्रॉक्सी में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई खो रहे हैं। आकाश, रेखा और अंकिता की तरह की शहर में कई लोग इसके शिकार बन चुके हैं। पेमेंट के बाद भी सामान की डिलीवरी नहीं होने पर इस तरह के मामले समाने आ रहे हैं।
ऐसे हो रही धोखाधड़ी
धोखाधड़ी करने वाले असली वेबसाइट्स की तरह की नकली वेबसाइट्स और ऐप्स बना लेते हैं। इन्हें देखकर लोग असली-नकली का फर्क नहीं कर पाते हैं। लोग इन साइट्स पर पहले ही अपनी जानकारी डाल देते हैं। इसके बाद आकर्षक ऑफर्स, भारी डिस्काउंट्स और सर्विसेज का लालच देते विज्ञापन जगह-जगह ऑनलाइन दिखते हैं। यह सब देकर लोग ठगों के जाल में फंस जाते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि ये ऑफर वास्तविक नहीं होते और भुगतान के बाद सामान या सेवाएं नहीं मिलती हैं। धोखाधड़ी करने वाले ईमेल या मैसेज भेजते हैं। जो असली वेबसाइट्स या बैंकों के जैसा दिखते हैं। यहां दिए लिंक पर क्लिक करके लोग अपनी जानकारी शेयर कर देते हैं, जिसे ठग अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं।
पैकेज के नाम पर धोखाधड़ी
सस्ते हॉलिडे पैकेज के नाम पर भी ठगी का खेल खूब चल रहा है। फर्जी साइट बनाकर सस्ते और लुभावने ऑफर लोगों के सामने प्रस्तुत किए जाते हैं। इनका प्रचार भी सोशल साइटस पर होता है। कम सीट और अधिक बुकिंग के नाम पर अपनी सीट रिजर्व करने के लिए 50 फीसदी पेमेंट की मांग की जाती है। इच्छुक लोग भी ऑफर देख तुंरत पेंमेंट कर देते हैं। बाद में लेकिन न तो कोई जानकारी मुहैया होती है न ही वह वेबसाइट पर संपर्क कर पाते हैं।
ये बरतें सावधानी
साइट की वैधता जांचें।
साइट पर एचटीटीपीएस प्रोटोकॉल और उसकी डोमेन की पूरी जानकारी प्राप्त करें।
वेबसाइट की रिव्यू और रेटिंग्स पढ़ें।
कांटेक्ट आदि डिटेल्स की पूरी छानबीन करें।
पेमेंट सीओडी करें। यदि ऐसा नहीं हैं तब जांच पड़ताल के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी करें।
यहां करें शिकायत
किसी प्रमुख ई-कॉमर्स साइट के माध्यम से शॉपिंग की है तो पहले उसकी कस्टमर केयर से कांटेक्ट करें से संपर्क करें।
क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से पेमेंट किया हो तो बैंक से संपर्क करें।
स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करें।
कंज्यूमर कोर्ट में भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
इनका है कहना
इस तरह के मामले भी आ रहे हैं। आनलाइन शॉपिंग करने के दौरान सावधानी और जानकारी जरूरी होती है। सावधानीपूर्वक जांच पड़ताल के बाद विश्वसनीय साइट्स पर ही खरीदारी करें।
सुबोध सक्सेना, साइबर क्राइम इंचार्ज