मेरठ (ब्यूरो)। साढ़े छह करोड़ से अधिक सालाना खर्च करने के बाद भी शहरभर की सड़कों समेत बिजली बंबा बाईपास अंधेरा पसरा हुआ है। जब इसका कारण जानने का प्रयास किया गया तो पता चला कि बिजली बंबा बाईपास पर लगी स्ट्रीट लाइट से टर्मिनल बॉक्स ही गायब हैं। लोगों का कहना है कि बॉक्स चोरी हो गए हैैं लेकिन नगर निगम का कहना है कि बाईपास चौड़ीकरण के दौरान वायरिंग कटने से फिलहाल लाइटें बंद पड़ी हैं।

बिल के विवाद में पसरा अंधेरा
गौरतलब है कि नगर निगम ने ईईएसएल से स्ट्रीट लाइट संचालन के लिए अनुबंध किया हुआ है। ईईएसएल को स्ट्रीट लाइट का यह ठेका साल 2024 तक दिया गया है। अनुबंध की शर्त के अनुसार प्रतिमाह नगर निगम को ईईएसएल को 54 लाख रुपये का भुगतान करना होता है। लेकिन कंपनी की खराब सर्विसिंग के कारण अधिकतर स्ट्रीट लाइट बंद ही रहती है। ऐसे में नगर निगम ने कंपनी का छह करोड़ रुपए भुगतान रोक दिया था और इस विवाद के चलते पिछले साल से स्ट्रीट लाइटों की स्थिति खराब चल रही है। इसके चलते गत वर्ष ही स्ट्रीट लाइट फेल्योर रेट दो फीसद से बढ़कर 12 फीसद तक पहुंच गया था।

तीन माह से बंद लाइट
बिजली बंबा बाईपास पर पिछले तीन माह से पूरी तरह अंधेरा छाया हुआ है। स्थिति यह है कि करीब 7.3 किमी लंबे इस बाईपास पर 167 करीब स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं लेकिन पूरे साल कुछ ही हिस्से में स्ट्रीट लाइट जलती थी। लेकिन अब वह भी बंद हैं। रैपिड के काम के चलते बाईपास से गुजरने वाले वाहनों की संख्या अत्याधिक बढ़ गई है। ऐसे में स्ट्रीट लाइट बंद होने से हादसे बढ़ रहे हैं।

चोरी हुए जरूरी पाट्र्स
टर्मिनल बॉक्स स्ट्रीट लाइट का वो पार्ट है, जो लाइट को किसी भी फॉल्ट से बचाने व ऑन-ऑफ करने के काम आता है। 167 में से करीब 160 में टर्मिनल बॉक्स गायब हैैं। इसके अलावा 30 से 40 बॉक्स के फ्यूज, वायरिंग तक गुमशुदा हैैं। स्थिति यह है कि एक दर्जन से अधिक खंभों पर स्ट्रीट लाइट तक नहीं है।

टर्मिनल ब्लॉक क्या होता है
एक टर्मिनल ब्लॉक, जिसे कनेक्शन टर्मिनल के रूप में भी जाना जाता है। एक मॉड्यूलर ब्लॉक है जो इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में इलेक्ट्रिकल तार या केबल को कनेक्ट और सुरक्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह पोल में पावर सप्लाई, सिग्नल रूटिंग या कंट्रोल वायरिंग के लिए एक इंसुलेटेड का काम करता है। अधिकतर टर्मिनल ब्लॉक्स में फ्यूज होल्डर्स, सिग्नल लैंप्स और सुविधाएं होती हैं। इसके बिना स्ट्रीट लाइट जलना मुश्किल होता है। यह टर्मिनल स्ट्रिप्स बाहरी तारों, शॉर्ट सर्किट और विद्युत फॉल्ट के खतरों को कम करते हैं।

274 स्थानों पर वायरिंग खराब
गत वर्ष भी स्ट्रीट लाइट के लिए निगम द्वारा सर्वे कराया गया जिसमें 229 स्थानों पर स्ट्रीट लाइट की वायरिंग खराब मिली थी और करीब 45 स्थानों पर स्ट्रीट लाइट के पोल के बीच स्ट्रीट लाइट का वायर ही नही मिला था। कुल-मिलाकर रिपोर्ट 274 स्पॉट पर स्ट्रीट लाइट वायरिंग के कारण स्ट्रीट लाइट बंद मिली थी।

जानिए कौन है जिम्मेदार
ईईएसएल की जिम्मेदारी स्ट्रीट लाइट का सेटअप, उसमें नई एलईडी लगाने व उसका मेंटीनेंस, स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन मुख्य लाइन से करने की
सीसीएमएस अर्थात लाइट जलाने व बुझाने का सर्किट स्थापित करना और रिपेयर की जिम्मेदारी भी कंपनी की है।
स्ट्रीट लाइट के पोल से लेकर बिजली लाइन तक के ढांचे के रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर निगम और ऊर्जा निगम की है।

फैक्ट्स पर एक नजर
शहर में स्ट्रीट लाइटों के संचालन से लेकर मेंटिनेंस की ईईएसएल कंपनी की जिम्मेदारी
नगर निगम ने ईईएसएल से स्ट्रीट लाइट संचालन के लिए 2024 तक किया हुआ है अनुबंध
अनुबंध की शर्त के अनुसार प्रतिमाह नगर निगम ईईएसएल को 54 लाख रुपये का भुगतान करता है
बिजलीबंबा बाईपास पर 167 करीब स्ट्रीट लाइट
तीन माह से सभी स्ट्रीट लाइट बंद
160 से अधिक लाइट से गायब टर्मिनल बॉक्स

इनका कहना है
बंद स्ट्रीट लाइट की समस्या से पूरा शहर जूझ रहा है। अधिकतर इलाकों में शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है। बाईपास पर अंधेरा जानलेवा है।
सरबजीत

शहर के अंदर अधिकतर क्षेत्रों में तो स्ट्रीट लाइट बंद ही रहती हैैं लेकिन शहर के बाहर व बाईपास पर भी अंधेरा पसरा रहता है। जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
शशांक

स्ट्रीट लाइटें तभी कामयाब होंगी, जब इनका समय से मेटिनेंस किया जाए। नगर निगम को इस बाबत ठेकेदार कंपनी पर सख्ती करनी चाहिए। वरना पूरे शहर की स्ट्रीट लाइट्स की हालत सब जानते हैैं।
सुरेंद्र

यह जानकारी में है कि सड़क निर्माण कार्य के दौरान स्ट्रीट लाइट की वायरिंग कुछ क्षतिग्रस्त हो गई थी। बाकि इस संबंध में जांच कराई जाएगी।
प्रमोद कुमार, अपर नगरायुक्त