मेरठ (ब्यूरो)। शहर की विद्युत व्यवस्था को सुधारने की गति एक बार फिर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। इस भ्रष्टाचार में करोड़ों रूपए का घोटाला सामने आने पर विद्युत विभाग की रिवैम्प योजना पर ही ब्रेक लग गया है। इस योजना के तहत पीवीवीएनएल को 23 करोड़ से अधिक के घटिया क्वालिटी के विद्युत तार और बंच कंडक्टर सप्लाई कर दिए गए।
घटिया तार सप्लाई हुए
जांच में सामने आया कि इन तारों की क्वालिटी इतनी खराब है कि जरा से लोड पर तार जल तक सकते हैं। ऐसे में विभाग के कई अधिकारी जांच के दायरे में आ गए हैं।
269 करोड़ की योजना
गौरतलब है कि पुराने तारों को बदलने और क्षमता वृद्धि के लिए पीवीवीएनएल द्वारा पिछले साल से रिवैम्पड योजना के तहत काम कराया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से पश्चिमांचल के सभी 14 जिलों 3404 करोड़ रुपये के कार्य होने हैं जिनमें मेरठ में 269 करोड़ रुपये के कार्य किए जाने हैं। इस योजना में बिजली के पुराने जर्जर तारों को बदलने के साथ साथ एरियल बंच कंडक्टर को लगाया जा रहा है।
23 करोड़ के घटिया केबिल
विभाग के सूत्रों की मानें तो गत सप्ताह लखनऊ से हुई जांच में मेरठ को सप्लाई हुआ करीब 23.92 करोड़ रूपए के केबिल और बंच कंडक्टर की क्वालिटी खराब मिली है। योजना के तहत करीब 726 किमी का केबिल डाला जाना था जिसमें से करीब 522 किमी का केबिल डाला जा चुका है। मुख्यालय स्तर पर हुई जांच में मामला सामने आने के बाद अब इस केबिल के काम पर ब्रेक लग गया है। केबिल क्वालिटी की जांच के बाद जहां जहां काम हुआ है वहां बदला जाएगा। इस मामले में कंपनी समेत विभाग के अभियंताओं पर भी कार्यवाही हो चुकी है।
93.35 किमी एबीसी केबिल बदली
इस योजना के तहत जर्जर तारों के कारण अल्टरनेटिव करंट की हानियां यानि लाइन लॉस कम करने के लिये जर्जर तार बदलने, एबी केबिल रिप्लेस्मेन्ट, फीडर सेग्रीगेशन, फीडर बायफरकेशन और जर्जर पोलों को बदलने का काम किया जा रहा है। इसके तहत करीब 93.35 किलोमीटर एबी केबिल यानि एरियल बंच केबिल लगाई जा चुकी हैं और 33 के साथ 11 केवी लाईनों के जर्जर तारों को बदला जा रहा है। इसके अलावा 902 पोल अब तक मेरठ के उपरोक्त फीडरों पर लगाने का कार्य पूरा हो चुका है। इसके साथ ही जनपद के 76 अन्य फीडरों पर जर्जर तारों को बदलने, एबी केबिल लगाने, ओवरलोड फीडर व कृषि फीडरों का विभक्तीकरण का काम तेजी से किया जा रहा है। लेकिन ये घोटाला सामने आने के बाद अब सारे काम की क्वालिटी पर सवाल उठने लगे हैं।
जांच में खराब निकली क्वालिटी
पीवीवीएनएल के तहत मुरादाबाद के बिलारी कस्बे में एरियल बंच केबिल बार बार टूट रही थी। टेस्ट लैब में यह केबिल अधोमानक पाई गई। मेसर्स वी मार्क इंडिया लिमिटेड हरिद्वार द्वारा पीवीवीएनएल को आपूर्ति की गई एरियल बंच केबिल जांच में अधोमानक पाई गई। जांच में एरियल बंच केबिल का कंडक्टर रेजस्टिेंस, इंसुलेशन थिकनेस, हाट सैट टेस्ट, एल्युमिनियम वजन आदि खराब क्वालिटी के निकले।
इनका है कहना
इस भ्रष्टाचार में संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि आगे से ऐसा ना हो।
सतीश त्यागी
संबंधित फर्म को ब्लैक लिस्ट करके सारा पैसा वापस लेना चाहिए और सारा काम दोबारा सही से कराया जाना चाहिए।
प्रेम कुमार
यह विभाग में भ्रष्टाचार का सबूत है, इसमें केवल फर्म दोषी नहीं है। बल्कि अधिकारी भी दोषी हैं।
सरबजीत कपूर
इस मामले में मुख्यालय स्तर पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई की जा रही है। संबंधित फर्म और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। जहां जहां केबिल खराब है। वहां बदला जाएगा।
राजेंद्र बहादुर, एसई