मेरठ, (ब्यूरो)। जागृति विहार एक्सटेंशन योजना सरायकाजी, काजीपुर, कमालपुर, घोसीपुर और मेरठ कस्बे की जमीन पर बनी है। बढ़े प्रतिकार की मांग को लेकर किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। 13 जुलाई से किसानों ने जागृति विहार एक्सटेंशन में अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। इस विवाद को निपटाने लिए आवास विकास को किसानों को 125 करोड़ रुपए प्रतिकर देना होगा, जो इतना आसान नहीं है। यदि यह प्रतिकर दिया गया तो आवास विकास को अपनी जमीन का रेट 3000 रुपये तक प्रति वर्ग फुट बढ़ाना होगा। शासन को भेजी रिपोर्ट में आवास विकास ने किसानों को बढ़ा हुआ प्रतिकर देने की एवज में दरें बढ़ाने की बाध्यता बताई है। यह भी कहा है कि इससे आवंटियों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
प्रतिकर की मांग का विवाद
जागृति विहार एक्सटेंशन योजना को विकसित करने के लिए साल 2010 से पहले सरायकाजी और काजीपुर में जमीन एक-एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, कमालपुर में 800 रुपये, घोसीपुर की 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर दर से जमीन ली गई थी। जून 2014 को 228वीं बोर्ड बैठक में सभी ग्रामों की किसानों को 100 रुपये बढ़ाते हुए अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से किसानों ने भी बढ़ी हुई राशि के हिसाब से मुआवजे की मांग शुरू कर दी।
आवंटियों पर पड़ेगा बोझ
आवास विकास के रिकार्ड के अनुसार एक्सटेंशन की जमीन का रेट 24050 प्रति वर्ग मीटर तय है। यदि मुआवजा जारी किया जाता है तो इसमें 3159.45 प्रति वर्ग मीटर की दर से रेट बढ़ाने पड़ेंगे। इसके बाद एक्सटेंशन में जमीन का रेट 27210 रुपये प्रति वर्ग मीटर नई दर से भूखंड का आवंटन होगा। इसका सीधा भार आवंटियों की जेब पर पड़ेगा।
इस संबंध में मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी गई है। अब निर्णय मुख्यालय को लेना है कि भुगतान कब तक होगा या कितना होगा।
राजीव कुमार, अधीक्षण अभियंता