कोरोना से रिकवर होने के बाद भी बीमारी के पोस्ट कोविड इफेक्ट आ रहे सामने
डॉक्टर्स का कहना, हर दिन 8 से 10 मरीज अलग-अलग शिकायत लेकर पहुंच रहे
Meerut। बीते सवा साल में कोरोना वायरस संक्रमण से 64 हजार से ज्यादा मरीज रिकवर हो चुके हैं। ठीक होने के बाद भी लेकिन कोरोना का असर इनका पीछा नहीं छोड़ रहा है। कई मरीजों में लंबे समय बाद भी लांग पोस्ट कोविड इफेक्ट सामने आ रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक रिकवर हो चुके हर पांचवे मरीज में पोस्ट कोविड इफेक्ट का कोई न कोई लक्षण जरूर उभर कर सामने आ रहा है।
हर दिन आ रहे मरीज
डॉक्टर्स के मुताबिक कोरोना से रिकवर होने के बाद भी हर दिन 8 से 10 मरीज पोस्ट इफेक्ट की शिकायत लेकर आ रहा है। मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल समेत प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिकों की भी यही स्थिति है। मरीजों में अमूमन सांस फूलना, सिरदर्द, आंखों में लाली, घबराहट, थकान जैसे लक्षण आ रहे हैं जबकि कई मरीजों में शुगर, पैरों में दर्द, जलन जैसी शिकायतें भी अब पैदा हो गई हैं।
ये आ रहे लक्षण
मरीजों में बुखार, बदन दर्द, ज्वाइंट पेन, सिरदर्द, मेमोरी लॉस, सीने में भारीपन, आंखों में दिक्कत, कफ और नींद न आने की समस्या भी मरीजों को परेशान कर रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे भी केस सामने आ रहे हैं कि जब रिकवर होने के बाद मरीज को पोस्ट इफेक्ट्स का पता ही नहीं चल पा रहा है। मगर धीरे-धीरे ये लक्षण उभर कर सामने आ रहे हैं।
हर अंग रहा प्रभावित
सीनियर फिजिशियन डॉ। संदीप जैन बताते हैं कि कोरोना वायरस का संक्रमण सिर्फ फेफड़ों तक ही सीमित नहीं हैं। बल्कि श्वसन तंत्र, किडनी, लीवर, हार्ट, ब्रेन, नर्वस सिस्टम आदि को भी वायरस प्रभावित कर रहा है। शरीर के किस हिस्से को वायरस कितना प्रभावित कर रहा है या किस मरीज में क्या असर आ सकता है कि इसे लेकर भी कुछ स्पष्ट नहीं हैं। इसी वजह से हर मरीज में अलग-अलग लक्षण उभर कर सामने आ रहे हैं।
डाइट का ख्याल रखें
जिला अस्पताल के सीनियर फिजिशयन डॉ। आरके गुप्ता बताते हैं कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों के दिमाग में ये हावी है। ऐसे में मरीजों को रिकवर होने के बाद सबसे पहले खुद को स्ट्रेस फ्री रखना जरूरी है। इसके लिए प्रॉपर एक्सरसाइज, योग करें। मेंटल हेल्थ को ठीक रखना भी जरूरी है। इसके अलावा प्रॉपर डाइट का भी इसमें बड़ा रोल है। मरीजों को प्रोटीन युक्त डाइट लेने की सलाह दी जाती है।
नर्वस सिस्टम कमजोर
कोरोना वायरस के हमले की वजह से लोगों के फेफड़ों के अलावा नर्वस सिस्टम तक हिल गया है। मेडिकल कॉलेज के पोस्ट कोविड वॉर्ड में ऐसे काफी मरीज आ रहे हैं। जिन्हें सुनने में दिक्कत आ रही है। एक्सपर्ट डॉक्टर्स के मुताबिक मरीजों के कान के पर्दे और नसों पर भी इसका असर हुआ है। जिसकी वजह से मरीजों में बाद में इस तरह के इफेक्ट सामने आ रहे हैं।
पैरों मेंदर्द
कोरोना से रिकवर होने के कई महीनों बाद लोगों में पैरों के दर्द की शिकायत भी सामने आ रही है। लोगों का कहना है कि रिकवर होने के बाद पहले की तरह लगातार काफी देर तक खड़े होकर काम करना अब मुश्किल होता है। वहीं दर्द का असर कभी कम, कभी ज्यादा होने लगता है।
कमजोरी बन रही वजह
डॉक्टर्स कहते हैं कि कोरोना वायरस काफी घातक है। वहीं लोगों की बॉडी ने इसे झेल तो लिया लेकिन इम्यूनिटी पावर कम हो जाने की वजह से दूसरे अंगों में भी काफी कमजोरी आ गई है। कमजोरी की वजह से ही दूसरे बॉडी पार्ट्स प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि लोग अपनी डाइट का पूरा ख्याल रखें।
ईएनटी सर्जन डॉ। सुमित उपाध्याय कहते हैं कि कोरोना से रिकवर होने के बाद भी मरीजों में इसका असर दिखाई दे रहा है। सुनने और समझने की क्षमता पर भी असर पड़ा है। ऐसे काफी मरीज पोस्ट कोविड वॉर्ड में आ रहे हैं।
काफी मरीज रोजाना पोस्ट कोविड ओपीडी में आ रहे हैं। अधिकतर मरीज रिकवर होने के बाद भी तमाम परेशानियों से पीडि़त हैं। ऐसे मरीजों को दवाइयों के साथ व्यायाम और प्रॉपर डाइट भी जरूर लेनी चाहिए।
डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज