मेरठ (ब्यूरो). बीते दिनों कानपुर में इलेक्ट्रिक बस से हुए अलग-अलग हादसों को देखते हुए यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए परिवहन निदेशालय चालकों की भर्ती को लेकर सख्त हो गया है। निदेशालय ने चालकों की भर्ती से पहले उनके एक्सीडेंट रिकॉर्ड से लेकर हाइट और शराब के शौक की पूर्णतया जांच का आदेश जारी किया है। भर्ती इस जांच के बाद ही होगी। ताकि इलेक्ट्रिक बसों में सफर करने वाले यात्रियों का सफर पूरी तरह सुरक्षित रहे। और यात्रि मंगलमय सफर का आनंद ले सकें। निदेशालय ने गाइडलाइन के अनुसार अब नए सिरे पर इलेक्ट्रिक बसों के चालकों की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।

10 मानकों पर होगी जांच
दरअसल नगरीय परिवहन बस सेवा के तहत मेरठ में 50 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होना है। इसके तहत गत माह पांच बसों का संचालन शुरू किया गया है। यह बसें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस और एडवांस कंट्रोलिंग सिस्टम से संचालित हैं। ऐसे में इन बसों को चलाने के लिए भी एक्सपर्ट चालक की जरूरत है। शुरुआत में कानपुर में इलेक्ट्रिक बसों की दुर्घटना में चालकों की लापरवाही सामने आने के बाद परिवहन निदेशालय ने चालकों को विशेष ट्रेनिंग और जांच के बाद ही इन बसों का स्टेयरिंग देने का आदेश दिया है। इसके तहत परिवहन विभाग ने ई-बसों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें बसों के लिए 16 और चालकों के लिए 10 बिंदु निर्धारित किए हैं। इन सभी मानकों को पूरा करने के बाद ही बसें चालक को दी जाएं।

ड्यूटी के लिए ये हैं मानक
- चालक की हाइट की जांच, कम हाइट वाले चालक बस नहीं चलाएंगे
- चालक के डीएल की विभागीय जांच
- चालक का पुलिस से सत्यापन कराया जाएगा
- रोजाना बसों की स्टेयरिंग सौंपे जाने से पहले चालक का ब्रेथ एनालाइजर मशीन से टेस्ट होगा
- बिना वैध डीएल के ड्यूटी पर नहीं भेजा जाएगा
- भर्ती से पहले चालकों का अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण कराया जाएगा
- चालकों के नेत्र, स्वास्थ्य परीक्षण के बाद डयूटी दी जाएगी
- हादसे करने वाले चालक चिह्नित करने के लिए उनका रिकॉर्ड चेक किया जाएगा
- दुर्घटनाओं के आदी चालकों को बसें नहीं दी जाएंगी

बसों की रोजाना होगी जांच
चालकों के साथ ही विभाग ने बस की रोजाना नियमित जांच का आदेश भी दिया है। यानि डिपो से निकलने से पहले सभी बसों की बेसिक रूटीन जांच होगी। यह जांच एआरएम स्तर पर होगी। इसमें बसों की यांत्रिक खराबियों के साथ साथ आपातकालीन सुविधाओं की प्रमुखता से जांच होगी। बस को डिपो परिसर में ही चलाकर ब्रेक व अन्य कंट्रोलिंग सिस्टम जांचने के बाद रोड पर उतारा जाएगा।

बसों में ये होगी जांच
- रूट पर जाने से पहले बसों की यांत्रिक खराबी की जांच होगी
- बसों की फिटनेस की जांच होगी
- आपातकालीन द्वार की हालत को रोजाना परखा जाएगा
- टायरों की हालत से लेकर बस की सभी लाइटों, स्टेयरिंग और ब्रेक की जांच
- बस में फस्र्ट एड किट, अग्निशमन यंत्र, व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस, एसएलडी यानी स्पीड लिमिट डिवाइस की रोजाना जांच होगी

वर्जन
अभी मेरठ में 10 चालकों की भर्ती की गई है। इन चालकों को पूरी ट्रेनिंग और सभी बिंदुओं पर जांच के बाद ड्यूटी दी गई है। रोजाना चालकों की ड्यूटी से पहले ब्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच की जाती है। ताकि सफर में किसी प्रकार से यात्रियों को परेशानी ना हो।
- विपिन सक्सेना, एआरएम