मेरठ (ब्यूरो). केबिल ऑपरेटरों की मनमानी के चलते शहर के बिजली के खंभा केबिल तारों के नेटवर्क के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। हालत यह है कि बिजली के खंभों पर बिजली से ज्यादा केबिल की तारें मिलेंगी। शहर में विद्युत निगम का एक भी पोल ऐसा नहीं है, जिस पर केबिल का जाल न हो। अबयह समस्या इतनी जटिल हो चुकी है कि इन तारों की वजह से बिजली सप्लाई में भी बाधा आ रही। जगह-जगह बिजली के खंभे टूटने लगे हैं। विभाग की ढील व लापरवाही के चलते बिजली के खंभों पर केबिल तारों को इस तरह से लाद दिया गया कि बिजली तारें भी झुक गईं। लेकिन, बिजली के खंभों पर लटके इन केबिल तारों को हटाने के लिए विद्युत विभाग अधिकारियों ने अब कमर कस ली है।

बिगड़ रही बिजली व्यवस्था
नियमानुसार बिजली के खंभों पर केबिल तार लगाना गैर कानूनी है। जिसमें भारी जुर्माने का भी प्रावधान है। लेकिन, शहर में सब कुछ उल्टा हो रहा है। शहर में बिजली विभाग के अनगिनत खंभे लगे हैं। सभी पर केबिल जाल मिलेगा। खासतौर पर पुराने शहर की संकरी गलियों में लगे बिजली के खंभों पर तो केबिल समेत अन्य निजी केबिल के तारों का जाल बिछा हुआ है। शायद ही कोई पोल बचा हो जिसपर यह स्थिति न बनी हो। सैकड़ों पोल तो ऐसे हैं जिन पर एक साथ तारों के पांच-छह गुच्छे बनाकर लटकाए गए हैं। इस वजह से लाइनमैन को भी परेशानी होती है। वह भी बिजली खराब होने पर समझ नहीं पाता कि बिजली की तार कौन सी है।

स्ट्रीट लाइट पोल भी बेहाल
बिजली विभाग की तरह नगर निगम की ओर से लगाई स्ट्रीट लाइट का भी यही हाल है। स्ट्रीट लाइटों पर भी केबिल नेटवर्क वालों ने अपने तार बांधे हुए हैं, जो कि यह गैरकानूनी है। हैरानी की बात है कि ये तार बिजली विभाग और नगर निगम के अधिकारियों के सामने लगे हैं फिर भी किसी पर कार्रवाई नहीं होती। किसी पर कार्रवाई न होने की वजह से केबिल के तारों का जाल लगातार बढ़ता जा रहा है।

हादसों का बन रहे कारण
दरअसल, इन पोल से ही बिजली की सप्लाई आ रही है। ऐसे में यदि केबिल बिजली की तार में लग गए तो करंट भी आ सकता है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। फिर भी केबिल नेटवर्क वालों ने लोगों की जान से खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी। तारों को ठीक करने के लिए केबिल ऑपरेटर के ही कर्मचारी पोल पर चढ़ते हैं तो उन्हें भी करंट लग जाता है।

जारी हुए नोटिस
बिजली के खंभों पर केबिल की बढ़ती संख्या और बिगड़ती विद्युत व्यवस्था को सुधारने के लिए बिजली विभाग अब सक्रिय हो गया है। बिजली विभाग द्वारा केबिल ऑपरेटर्स को 30 दिन का नोटिस जारी किया गया है। इस 30 दिन के भीतर केबिल ऑपरेटर्स को अपने केबिल के तार बिजली के खंभों से उतारने के लिए कहा गया है। 30 तीन बाद विद्युत विभाग खुद केबिल के तार उतार देगा। साथ ही जुर्माना भी वसूला जाएगा।

वर्जन
बिजली खंभों पर केबिल लगाना गैर कानूनी है। अवैध तरीके से लगाने पर 5000 से 20000 जुर्माना या इससे भी अधिक का प्रावधान है। केबिल ऑपरेटर अपना अलग से पोल लगा सकता है। इसके लिए 30 दिन का नोटिस जारी किया गया है।
- विजयपाल, एसई पॉवर