मेरठ (ब्यूरो). अपनी कोकिल आवाज से सभी के दिलों पर राज करने वाली सुर कोकिला लता मंगेशकर ने भले ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी याद सदियों तक लोगों के जहन और जुबान पर गूंजती रहेगी। मेरठ में उनका एक ऐसा भी फैन है, जिसने अपने घर को एक म्यूजियम बनाया है। जहां लता की हजारों तस्वीरें, किताबें, उनके गाए गीतों की रिकॉर्डिंग, कैसेट, उनके पोस्टर, पारिवारिक कैलेंडर सहित उनसे जुड़ी हर चीजें संग्रहीत की हैं। फूलबाग कॉलोनी में मंजूबिला नाम से उनका मकान है। जिसे लतांजलि के नाम से भी जाना जाता है। लता मंगेशकर के निधन की सूचना मिलते ही उनके फैन गौरव शर्मा का फूलबाग स्थित आवास पूरे दिन लोगों के लिए खुला रहा।

साथ किया काम
मेरठ के सीनियर फोटोग्राफर एंड एक्टर ज्ञान दीक्षित ने बताया कि लता दी के साथ उन्होनें 1982 में प्रेम रोग की शूटिंग में काम किया था। उस समय उनका उन्होंने किया है। बताया कि उस समय प्रेम रोग की शूटिंग चल रही थी। मुझे आज भी याद है मेहरू स्टूडियो बांदरा मुंबई में हम तो हुए परदेसी गाने का शूट चल रहा था। उनके अधिकतर शूट वहीं होते रहे हैं। उसके अलावा सन 1984-85 में एक शूट राम तेरी गंगा मैली हो गई का हुआ था। मैने उनके साथ 20 सालों तक काम किया है। वह बहुत ही सरल स्वभाव की थीं। मैैंने उनको सदैव सरस्वती के रूप में देखा है। उनके जाने से संगीत के क्षेत्र में दुनिया को बहुत क्षति हुई है।

आवाज का आसमान टूटने जैसा
मेरठ के वीर रस के जाने माने कवि डॉ। हरिओम पंवार का कहना है कि लता मंगेशकर प्रकृति को परमात्मा का उपहार थीं। उनका चले जाना आवाज की दुनिया का आसमान टूटने जैसा है। जैसे सूरज एक है चंद्रमा एक है, ठीक उसी तरह से लता मंगेशकर भी एक ही थीं, जो ना केवल भारत बल्कि विश्व की सबसे मधुर आवाज थीं। उन्होंने जीवन के 77 साल संगीत की सेवा की। बच्चे से लेकर युवा, सभी उम्र के लोग उनको बहुत ही प्रेम करते थे। किसी से उनकी तुलना नहीं की जा सकती है।

सीसीएसयू में दी श्रद्धांजलि
स्वर कोकिला पाश्र्व गायिका लता मंगेशकर के निधन से वेस्ट यूपी में भी शोक है। भारत रत्न लता जी के निधन पर सीसीएसयू के रुस्तम ए जमां दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम में मौजूद खिलाडिय़ों व डीएम के। बालाजी व अन्य लोगों ने शोक सभा का आयोजन किया। इस दौरान उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान उनके पुराने किस्सों को याद किया गया।