मेरठ (ब्यूरो)। आवास विकास की जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में एक साल से अपने घर का सपना संजोए बैठे 500 से अधिक आवंटियों की समस्या पर संज्ञान लेते हुए कमिश्नर ने मामले पर जांच बैठा दी है। साथ ही आवंटन न होने के कारणों पर 10 दिनों के अंदर आवास विकास से जवाब भी मांगा है। गौरतलब है कि आवास पर कब्जा न मिल पाने की आवंटियों की समस्या को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने बीते 4 अप्रैल को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

ये है मामला
गौरतलब है कि आवास विकास ने जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या-11 के सेक्टर-5 में गत वर्ष भवनों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया के तहत आए आवेदनों का लकी ड्रॉ के माध्यम से भवनों का अलॉटमेंट कर दिया गया था। भवन अलॉट होने के बाद अधिकतर आवेदकों ने अपने भवनों की किस्त जमा करना भी शुरू कर दी थी। बहुत से आवेदकों ने पूरा पैसा जमा करा दिया लेकिन एक वर्ष बाद भी आवंटियों को उनके भवन पर कब्जा नहीं मिल पाया है।

प्रतिकर का विवाद
दरअसल, जागृति विहार एक्सटेंशन योजना सरायकाजी, काजीपुर, कमालपुर, घोसीपुर और मेरठ कस्बे की जमीन पर बनी है। जागृति विहार एक्सटेंशन योजना को विकसित करने के लिए साल 2010 से पहले सरायकाजी और काजीपुर की दर एक-एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, कमालपुर की 800 रुपए, घोसीपुर की 600 रुपए प्रति वर्ग मीटर दर पर जमीन ली गई थी। जून 2014 को 228वीं बोर्ड बैठक में सभी ग्रामों की किसानों को 100 रुपए बढ़ाते हुए अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से किसानों ने भी बढ़ी हुई राशि के हिसाब से मुआवजे की मांग शुरू कर दी।

कमिश्नर ने मांगी आख्या
अब इस मामले को कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने संज्ञान में लेते हुए आवास विकास से जवाब-तलब किया है। कमिश्नर ने आवास विकास के संयुक्त आयुक्त को पत्र जारी कर आवंटियों की समस्या पर 10 दिन के अंदर कार्रवाई की आख्या मांगी है। कमिश्नर का पत्र जारी होते ही आवास विकास के आला अधिकारी भी हरकत में आ गए हैं।

आवंटियों ने जताया आभार
वहीं दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की खबर पर कमिश्नर के संज्ञान से आवंटियों को काफी राहत मिली है। कमिश्नर के पत्र पर आवंटियों ने खुशी जाहिर करते हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का आभार जताया।

आवंटियों का कहना
अपने घर पर ही कब्जा लेना परेशानी बन गया है। योजना में इतना विवाद था तो आवास विकास खुद ही इसे होल्ड कर देता। कम से कम आवंटी तो परेशान न होते। दैनिक जागरण के सहयोग के लिए धन्यवाद।
सुशील पटेल

आवास के लिए इधर-उधर से कर्ज लेकर खर्चे कम करके आवंटी किस्त दे रहे हैं। बावजूद इसके अपने घर का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। अब कमिश्नर ने संज्ञान में लिया है तो कुछ उम्मीद जगी है।
राहुल सक्सेना

किसानों की मांग पर निर्णय होने के बाद ही आवंटन प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए थे। लेकिन आवास विकास ने आवंटियों को अंधेरे में रखा। किस्तों का पैसा लेेता रहा और किसानों को टरकाता रहा।
विजय शर्मा

ये सही हुआ कि प्रशासन ने हमारी इस समस्या का संज्ञान लिया। इसके लिए मैं दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का धन्यवाद करता हूं। बाकि आवास विकास को इसमें जल्द से जल्द कोई समाधान खोजना चाहिए।
विकास कुमार