मेरठ ब्यूरो। नगर निगम की नई कार्यकारिणी में शहर के विकास की कमान अनपढ़ और कम पढ़े लिखे पार्षदों के हाथों मे जनता ने सौंप दी है। स्थिति यह है करीब 50 वार्डो की कमान जनता ने ऐसे पार्षदों के हाथ में सौंपी है जिनकी शिक्षा हाईस्कूल तक सीमित है। इन 50 में से भी 10 प्रत्याशी अशिक्षित हैं। जिनको उनके काम और समाजसेवा के आधार पर जनता ने चुना है। अब देखना यह होगा कि ये अशिक्षित और कम पढ़े लिखे प्रत्याशी शहर के विकास और जनता के मुददों पर बोर्ड बैठक में कहां तक बहस कर सकते हैं।
मात्र एक पीएचडी पार्षद
नगर निगम की नई कार्यकारिणी में 29 पार्षद ऐसे है जिन्होने स्नातक और परास्नातक की डिग्री ली हुई है। वहीं एक पार्षद वार्ड 16 अजंता कालोनी की पार्षद अनुराधा पीएचडी डिग्री धारक है। वहीं इंटर पास पार्षदों की संख्या 14 है। ऐसे में यह कहना गलत ना होगा कि एक तरफ जहां आधे से अधिक शहर का विकास कम पढ़े लिखे पार्षदों के हाथ में है वहीं 30 के करीब वार्ड ऐसे हैं जहां शिक्षित पार्षद शहर की समस्या को दूर करेंगे।
महिला आबादी को मिला स्थान
नगर निगम में लगातार महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है। इसी का उदाहरण है कि इस बार 90 वार्डों की कमान 32 महिलाओं को मिली है। इनमें से भी 7 महिला पार्षद ऐसी है जो निरक्षर हैं।