मेरठ (ब्यूरो)। जिले में बढ़ रहे पॉल्यूशन को रोकने के लिए केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान स्टेज-3 को लागू किया है। इसके तहत एनसीआर में कंस्ट्रक्शन वर्क को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। वहीं, इंडस्ट्रीज का संचालन भी सप्ताह में महज 5 दिन होगा। इस संबंध में बुधवार को आईआईए पदाधिकारियों और प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। वहीं, रैपिड रेल का निर्माण कर रही एनसीआरटीसी ने भी वायु प्रदूषण पर लगाम के लिए विशेष कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

ग्रेप की थर्ड स्टेज हुई लागू
इसके तहत दिल्ली एनसीआर में ग्रैप के स्टेज-3 लागू की गई है। अब सड़कों की साफ-सफाई सिर्फ मशीन के जरिए होगी। धूल वाले क्षेत्र, सड़क व अन्य जगहों पर रोजाना नियमित पानी का छिड़काव होगा। सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ाने के लिए नॉन पीक ऑवर में दरों में सुधार करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही निर्माण और विध्वंस गतिविधियां भी नहीं होगी।

इनको मिलेगी छूट
हालांकि, इसमें रेल सेवाएं, रेलवे स्टेशन, राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा संबंधी गतिविधियां, राष्ट्रीय परियोजनाएं, राजमार्ग, सड़कें, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली ट्रांसमिशन आदि प्रोजेक्ट को छूट रहेगी। हालांकि, इन्हें धूल प्रदूषण स्तर को रोकने के लिए सख्ती से नियमों का पालन करना होगा।

हिसाब से चलेंगे उद्योग
प्रदूषण नियंत्रण के मुददे पर बुधवार को सीएक्यूएम के अधिकारी ऋषभ श्रीवास्तव और क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण विजय कुमार ने इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने उद्यमियों की समस्याओं को सुना। बैठक में आईआईए अध्यक्ष सुमनेश अग्रवाल, वाइस चेयरमैन अनुराग अग्रवाल शामिल रहे। प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी ने व्हाईट, रेड, औरेंज और येलो जोन में आने वाले उद्योगों की जानकारी दी। हालांकि, दूध और डेयरी इकाइयां, जीवन रक्षक चिकित्सा के निर्माण से जुड़े इकाइयों को शर्तों के साथ छूट रहेगी। इसमें उपकरण बनाने, दवा बनाने वाली कंपनियां भी शामिल हैं।

सिर्फ 5 दिन ही चलेंगी इंडस्ट्री
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी विजय कुमार ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेशानुसार वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए ग्रेप की थर्ड स्टेज को लागू कर दिया गया है। इसके तहत उद्योगों का संचालन को सप्ताह में पांच दिन किया जाएगा। साथ ही इस संबंध में उद्योगपतियों से मंथन कर उनको सख्ताई से ग्रेप की व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दे दिए गए है।

बैठक में यह दिए गए निर्देश
उद्योगों का संचालन 31 दिसंबर तक सप्ताह में केवल 5 दिन ही होगा। वहीं, दिनों के हिसाब से भी उद्योगों के संचालन का आदेश दिया गया है।

कागज और लुगदी प्रसंस्करण, डिस्टिलरी और कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट शनिवार और रविवार को बंद रहेंगे।

धान, चावल प्रसंस्करण इकाइयां सोमवार और मंगलवार को बंद रहेंगे।

रंगाई प्रक्रियाओं सहित कपड़ा, वस्त्र और परिधान की इकाइयां बुधवार और बृहस्पतिवार को बंद रहेंगे।

अन्य उद्योग जो इन श्रेणी में नहीं हैं वह शुक्रवार और शनिवार को बंद रहेंगे।

इन पर रहेगी पूरी तरह पाबंदी
मानक अनुसार ईंधन का प्रयोग न करने वाले ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट बंद रहेंगे। इसके अलावा स्टोन क्रेशर, खनन और संबद्ध गतिविधियां पूरी तरह से बंद रहेंगी।

पॉल्युशन को रोकने की पहल
रैपिड रेल का निर्माण कर रही एनसीआरटीसी ने भी वायु प्रदूषण को रोकने के लिए विशेष कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग हो रहा है। इससे निर्माण कार्य के दौरान धूल मिट्टी नहीं होती है। साथ ही राहगीरों को भी दिक्कत नहीं होती है। वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण कम होता है।

एंटी-स्मॉग गन इंस्टॉल की गई
इसके अलावा, सुरंगों से निकाली गई मिट्टी गीली होती है और ज्यादातर साइट भी गीली होती है। इसलिए, इस साइट पर धूल से होने वाले प्रदूषण की संभावना को कम किया जा रहा है। इसके अलावा, आरआरटीएस निर्माण स्थलों पर ट्रक वाशिंग प्लांट, स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन इंस्टॉल की गई हैं। निर्माण स्थल पर पानी के टैंकरों से पानी का निरंतर छिड़काव किया जा रहा है। धूल को उडऩे से रोकने के लिए सड़कों की मशीनीकृत/वैक्यूम स्वीपिंग की जा रही है।