कई मरीजों में मिल रहा स्मैल और टेस्ट लॉस का लक्षण
डॉक्टर्स बोले, लक्षण दिखने पर हो जाएं अलर्ट, तुरंत कराएं जांच
Meerut। अगर अचानक आपको किसी भी तरह की स्मैल आना बंद हो जाए या स्वाद आना बंद हो जाए तो इसको कतई हल्के में न लें। ये कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। हाल-फिलहाल में कई कोरोना संक्रमित मरीजों में ऐसे लक्षण पाए गए हैं। इनमें खांसी, बुखार और सांस में तकलीफ वाले लक्षण न होकर टेस्ट और स्मैल लॉस के लक्षण दिखाई दिए हैं।
ये है वजह
कोरोना वायरस को लेकर देश-दुनिया में काफी रिसर्च चल रही हैं। नई-नई रिसर्च भी समाने आ रही हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि ये वायरस नर्वस सिस्टम पर असर डालता है। जिसकी वजह से टेस्ट या स्मैल वाली नवर्स डेमेज हो जाती हैं। हालांकि बहुत कम मरीज टेस्ट ओर स्मैल लॉस की पहचान कर बीमारी का पता लगा पा रहे हैं।
लक्षणों को किया शामिल
टेस्ट और स्मैल न आने के लक्षणों को कोरोना के लक्षणों में शामिल किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इन्हें मंजूरी दे दी है। इन दो लक्षणों के अलावा, बुखार, कफ, थकान, सांस लेने में दिक्कत, बलगम के साथ खांसी, मांसपेशियों में दर्द, नाक से पानी आना समेत लूज मोशन को कोरोना वायरस का लक्षण माना गया है।
मिल रहे लक्षण
कोरोना वायरस से संक्रमित कई मरीजों में इन लक्षणों की पुष्टि हुई है। कोरोना से संक्रमित एक मरीज ने बताया कि उनको खांसी, बुखार या अन्य किसी तरह के लक्षण नहीं थे। अचानक उनकी सूंघने की शक्ति कम हो गई। तेज खुशबू वाली कई चीजों को सूंघकर देखा लेकिन स्मैल नहीं आई। यहां तक की पेट्रोल की भी स्मैल उन्हें महसूस नहीं हुई। जब टेस्ट करवाया तो वह पॉजिटिव निकले। वहीं एक और मरीज ने बताया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ थे लेकिन उनको न टेस्ट आ रहा था न ही स्मैल आ रही थी। हालांकि इन लक्षणों को समझते हुए ही उन्होंने टेस्ट करवाया और इससे पहले ही खुद को क्वारंटीन कर लिया। जांच में वह भी पॉजिटिव निकले।
जांच केंद्र में ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनमें टेस्ट या स्मैल लॉस के लक्षण मिले हैं। कुछ पेशेंट्स इन लक्षणों को देखकर ही जांच करवाने आ रहे हैं।
डॉ। विनोद द्विवेदी, इंचार्ज, मकबरा डिग्गी, यूपीएचसी जांच केंद्र
जांच केंद्र पर आठ से 10 मरीज ऐसे आए हैं, जिनमें स्मैल लॉस के लक्षण मिले हैं। जबकि तीन से चार मरीजों में स्वाद न आने के लक्षण सामने आए हैं। लोगों में अभी जानकारी का अभाव है। ऐसे में इन लक्षणों पर कम ध्यान दिया जा रहा है।
डॉ। अनीस अहमद, इंचार्ज, पल्हेडा सीएचसी जांच केंद्र