मेरठ (ब्यूरो)। छात्रों के मुताबिक रिसर्च पेपर तैयार कराने में टीचर्स सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे कुछ न कुछ बहाना बनाकर पल्ला झाड़ रहे हैं। एक तरफ शोध कराने वाले शिक्षकों की वैसे ही कमी हो गई है। वहीं, टीचर्स का यह रवैया स्टूडेंट की पढ़ाई का नुकसान कर रहा है।
नियुक्त किए थे रिसर्च टीचर
सीसीएसयू कैंपस और कॉलेजों से पीएचडी करने के इच्छुक स्टूडेंट को अब यूनिवर्सिटी द्वारा आरडीसी द्वारा सुपरवाइजर-निर्देश नियुक्त किया जाता है, लेकिन बड़ी संख्या में शिक्षक ऐसे स्टूडेंट को असमर्थता जताते हुए रिसर्च कराने से इंकार कर रहे हैं। इसके कारण स्टूडेंट को शोध करने में परेशानी हो रही है। वे यूनिवर्सिटी पहुंचकर लगातार ऐसी शिकायत कर रहे हैं। यह भी तब हो रहा है जबकि यूजीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन कॉलेजों में पीजी नहीं है, वहां पर शोध नहीं कराए जा सकते हैं।
प्राचार्यों को लिखा लेटर
ऐसे में सीसीएसयू प्रशासन ने सभी प्राचार्यों को पत्र लिखकर कहा है कि कॉलेजों में कार्यरत जिन शिक्षकों को शोध समिति द्वारा स्टूडेंट आवंटित किए गए हैं। उनको शोध कराने के लिए निर्देशित करें। इसके अलावा सीसीएसयू प्रशासन ने सभी प्रिंसिपल से शोध कराने के लिए अर्ह शिक्षकों की भी सूची देने को कहा है। इसके साथ ही उनके अंतर्गत कितनी सीटें खाली हैं, इसका भी पूरा ब्यौरा मांगा गया है। जो कॉलेज सही जानकारी नहीं देंगे उनके खिलाफ शासन को लिखकर भेजा जाएगा। कई विषयों में शोध कराने को लेकर खेल भी चल रहा है। कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो जानबूझकर भी स्टूडेंट को शोध कराने के लिए सुपरवाइजर नहीं बन रहे हैं।
आ रही है शिकायतें
सीसीएसयू में बीते तीन माह में 130 शिकायतें आ गई हैं। इनमें कुछ शिकायतों में तो टीचर रिसर्च के लिए टॉपिक में कुछ न कुछ गड़बड़ी बताकर कराने के लिए मना कर रहे है। वहीं कुछ शोधार्थियों का कहना है कि कुछ टीचर्स रिसर्च पेपर तैयार कराने में एक्स्ट्रा रुपए की डिमांड कर रहे हैं। ऐसे में स्टूडेंट परेशानी में है।
भेजा जाएगा नोटिस
रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया ऐसी शिकायतें लगातार आ रही है। इन सभी टीचर्स को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा। इसके बाद जो भी जवाब मिलता है उसके आधार पर कार्रवाई होगी।
कुछ टीचर्स हैं जो रिसर्च करवाने में बहाने बना रहे हैं। कई बार तो इस बारे में यूनिवर्सिटी को शिकायत कर चुके हैं।
विशाल
रिसर्च पेपर तैयार कराने में टीचर्स हीलाहवाली बरत रहे हैं। बेवजह के बहाने बना रहे हैं। इस मामले में शिकायत की गई है।
राहुल
ये यूनिवर्सिटी का ही नहीं बल्कि कुछ कॉलेजों के टीचर्स का भी मामला है। जो रिसर्च करवाने में ढील कर रहे हैं। इसलिए हम लोगों को परेशानी हो रही है।
शाबान