मेरठ ब्यूरो। यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स विदेशों से जुड़ सकेंगे जो उन्हें रोजगारपरक भ्ीा बनाएगा साथ ही यह सिखाएगा कि कैसे विदेशी कम्पनीज में काम होता हैं।वीसी प्रो। संगीता शुक्ला ने बताया कि यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर इंटरनेशनल कॉरपोरेशन के तहत ही ऐसा हो नेे जा रहा है। ये स्टूडेंट्स को शोध व शैक्षिक गतिविधियों से संबंधित सहयोग करेंगे।
एक साल का मिलेगा सहयोग
यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर इंटरनेशनल कॉरपोरेशन के तहत दस राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संकाय सदस्यों को एडवायजरी काउंसिल सदस्य तथा 15 सदस्यों को एडजेक्ट विजिटिंग फैकल्टी के रुप में एक साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। इनमें मुख्य रुप से स्कॉटलैंड, जापान, यूएपसए, ऑस्टे्रलिया, आईआईटी कानपुर, उजबेकिस्तान, यूएई, साउथ अफ्रीका आदि देशों के नामचीन वैज्ञानिक व प्रोफेसर यूनिवर्सिटी के साथ जुडक़र रिसर्च व शैक्षिक गतिविधियों में सहयोग प्रदान करेंगे। ये वैज्ञानिक न केवल विज्ञान, वोकेशनल कोर्स बल्कि अन्य विषयों में भी रिसर्च में स्टूडेंट्स व टीचर्स दोनों की ही मदद करेंगे, इसके साथ ही बाहरी कम्पनीज में कैसे काम होते हैं, कैसे बाहर के देशों में रिसर्च होती हैं इसके बारे में भी स्टूडेंट्स को जानने को मिलेगा।
नॉलेज व जॉब्स मिल सकें
वीसी प्रो संगीता शुक्ला का मानना है कि इससे स्टूडेंट्स की नॉलेज बढऩे के साथ ही उनको आगे बढऩे का व रोजगार भी अधिक अवसर मिलेगा। वीसी प्रो संगीता शुक्ला के अनुसार अगर इसमें सफलता मिलती है तो इसे आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। विभिन्न बाहरी यूनिवर्सिटी व टीचर्स को जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है ताकि स्टूडेंट्स को बेहतर एजुकेशन नॉलेज व जॉब्स मिल सकें।