मेरठ (ब्यूरो)। आईआईएमटी यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालॉजी में जेंडर चैंपियन कांउसिल आयोजित की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेंडर काउंसिल नोडल ऑफिसर प्रो। सुंबुल अफरोज ने कहाकि छात्र और छात्राओं को लैंगिक भेदभाव के बिना आगे बढऩे के समान अवसर मिलने चाहिए। मगर अभी भी छात्राओं को घर और बाहर हर जगह पर भेदभाव का सामना करना पड़ जाता है। समाज में इसी भेदभाव को दूर करने के लिए जेंडर चैंपियन का गठन किया गया है।
महिलाओं का सम्मान करें
शिक्षक कुलदीप सिंह ने लैंगिक भेदभाव के मुद्दों की गंभीरता से समझाया। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में ही नहीं बल्कि घर और बाजार में भी महिलाओं के सम्मान का ख्याल रखने की जरूरत है। उन्होंने कहाकि इसकी शुरूआत हमें अपने घर से ही करनी होगी। बच्चों को भी सिखाएं कि वो महिलाओं का आदर करें। हमारे संस्कार ही बच्चों को आगे जीवन में काम आते हैं। वो अपने व्यवहार में भी संस्कार लाते हैं।
भेदभाव ठीक नहीं
जेंडर चैंपियन एसईटी हेड चिराग मल्होत्रा और करीमा खान ने छात्रों के बीच इन मुद्दों को उठाते हुए घरेलू माहौल में रोजाना के भेदभाव को रेखांकित किया। उन्होनें बताया कि महिला पुरूष में भेदभाव करना ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि काउंसिल में एक लघु फिल्म के जरिए समाज में लैंगिक भेदभाव को रेखांकित किया गया।
जागरुकता की अपील की
बीटेक सेकेंड ईयर के हेड कॉर्डिनेटर शिवम उपाध्याय ने लैंगिक भेदभाव के खिलाफ जागरुक होने की अपील की। शिवानी सोनकर ने इस विषय पर समाज को रेखांकित करते हुए स्वरचित कविता प्रस्तुत की। आशुतोष तिवारी, जोया नाज, द्रिवेंद्र कुमार और रोहित ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार रखे।