मेरठ (ब्यूरो). साल 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तरह कमर कस ली है। जिले में टीबी मरीजों को तलाश करने के लिए नौ से 24 मार्च तक घर-घर सर्वे अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाएं ली जाएंगी। अभियान के लिए जिला क्षय रोग विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है।
चलेगा टीबी खोजो अभियान
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ। गुलशन राय ने बताया वैसे तो प्रधानमंत्री के आह्वान पर टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए विभाग की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण काल में अभियान को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। 9 से 24 मार्च तक फिर से पूरे जिले में घर-घर टीबी खोजो अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से टीम गठित की गयी हैं।
जनवरी से मिले 925 मरीज
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष दिसंबर तक सरकारी चिकित्सालयों में 7381 और निजी चिकित्सालयों में टीबी के 4198 मरीज मिले थे। जिनका विभाग की ओर से निश्शुल्क उपचार किया गया। इसमें 85 प्रतिशत मरीजों ने टीबी को मात दे दी है। इस साल जनवरी से अब तक सरकारी चिकित्सालयों में 742 और व प्राईवेट चिकित्सालयों में 183 टीबी के मरीज मिल चुके हैं, जिनका उपचार विभाग की ओर से किया जा रहा है।
सावधानी है जरूरी
डॉ। गुलशन राय ने बताया अगर 15 दिन और उससे अधिक दिन तक खांसी और बुखार रहता है। रात को सोते समय पसीना आए और तेजी से वजन गिर रहा है तो यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया टीबी की बीमारी सांस के जरिए फैलती है। अगर उपचार और जांच में मरीज देर करता है तो परिवार के अन्य लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि समय पर जांच करवा ली जाए। उन्होंने बताया सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी से संबंधित सभी जांच और उपचार की सुविधा पूरी तरह निश्शुल्क उपलब्ध है। जिले में 1076 डाट केंद्र कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा-टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। पूरा इलाज कराने पर यह पूरी तरह समाप्त हो जाती है। इलाज को शुरू करने के उपरांत बीच में कभी नहीं छोडऩा चाहिए।