मेरठ (ब्यूरो)। लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा करते हुए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कंजेनाइटल डायफ्र गमेटिक हर्निया जैसी गंभीर बीमारियों के भी ऑपरेशन की सुविधा मरीजों को देना शुरू कर दिया है। इस क्रम में सोमवार को डाउन सिंड्रोम से ग्रस्त 13 वर्षीय बच्चे का कंजेनाइटल डायफ्र गमेटिक हर्निया का सफल ऑपरेशन किया गया।
जन्मजात बीमारी से ग्रसित था बच्चा
ऑपरेशन के विषय में जानकारी देते हुए मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ। वीडी पांडे ने बताया कि सरधना निवासी 13 साल का नकुल डाउन सिंड्रोम से ग्रसित मरीज है, यह सिंड्रोम जन्मजात होता है और इसमें बच्चे के शरीर में मस्तिष्क, ह्रदय, चेहरा, पेट आदि में जन्मजात विसंगतियां (कन्जनाइटल एनामली) या बीमारियां मिलती हैं। नकुल की तबीयत खराब रहती थी उसे बार-बार निमोनिया हो जाता था और वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है।
डायाफ्र ाम में जन्मजात छेद
नकुल की मां मधु ने बताया कि उन्होंने मरीज को दिल्ली के सरकारी एवं गैर सरकारी कई प्रतिष्ठित अस्पतालों में दिखाया परंतु कोई लाभ नहीं मिला। उसके बाद उन्होंने मेरठ मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक स्थित पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में डॉ। गौरव गुप्ता पीडियाट्रिक सर्जन से परामर्श ली। डॉ। गौरव गुप्ता ने मरीज के पेट की सीटी स्कैन जांच करवाई जिसमें पता चला कि मरीज के डायाफ्र ाम में जन्मजात छेद होने के कारण आंत फेफड़ों के संपर्क में आ रही हैं जिस कारण नकुल को बार-बार निमोनिया की शिकायत हो जाती है। मरीज को हृदय रोग विभाग और बाल रोग विभाग में भी दिखाया गया तथा परामर्श ली गई। मरीज के हृदय की इकोकार्डियोग्राफी जांच की गई और उसका ह्रदय स्वस्थ पाया गया। हृदय में कोई किसी भी तरह का विकार नहीं था।
ऑपरेशन से बंद किया डायाफ्राम का छेद
डॉ। गुप्ता ने दूरबीन विधि से कंजेनाइटल डायफ्राम गमेटिक हर्निया के ऑपरेशन की सलाह दी और बताया कि डायाफ्र ाम का छेद ऑपरेशन के द्वारा बंद किया जा सकता है और उसके बाद मरीज को निमोनिया होने से राहत मिलेगी तथा व स्वस्थ हो जाएगा। पीडियाट्रिक सर्जन डॉ गौरव गुप्ता, गैस्ट्रो सर्जन डॉ। शिबू मोन ने दूरबीन विधि से कंजेनाइटल डायफ्र गमेटिक हर्निया की सफल सर्जरी कर बच्चे को गम्भीर बीमारी से निजात दिला दी।