- सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में संशोधन।
- हर स्कूल में किया जाएगा केयरटेकर नियुक्त।
Meerut- ऐसे स्टूडेंट्स जो विजुअल इम्पेयर्ड है या फिर उनमें ऑडियों या स्पीड डिफेक्ट है या उन्हें अन्य किसी तरह डिसेबिलिटी हो तो उनको लिए सीबीएसई की ओर से पहल की है। इसके लिए बोर्ड ने एग्जामिनेशनल बॉयलॉज में संशोधन किए हैं।
बनाया गया है ऑपरेटिंग सिस्टम
सीबीएसई में निशक्त स्टूडेंट्स के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया है, जिसे पेरेंट्स को भरना अनिवार्य है। इस फार्मेट में क्लास टेंथ से लेकर टूवेल्थ तक के स्टूडेंटस के पेरेंट्स का अपना नाम, स्कूल्स का नाम, डिसेबिल्टी नेम, क्लास जैसी तमाम जानकारियां देनी होगी।
पहले होता था ऐसा
पहले सीबीएसई में दिव्यांगों की मदद के लिए खुद ही नियुक्ति करके उनका सीबीएसई में रजिस्ट्रेशन करने का सिस्टम था। लेकिन इस बार बोर्ड ने स्कूलों को उनकी कमान सौंप दी है। इस बार स्टूडेंट्स की हेल्प करने के लिए इच्छुक स्टूडेंट्स के नाम मांगे जाएंगे जो अपनी मजर्ीै से स्कूलों के पास जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। सीबीएसई ने इसके साथ ही कई तरह के बदलाव भी किए हैं।
इस बार ये दिए गए हैं नए निर्देश -
- निशक्त स्टूडेंट को स्कूल की ओर से दिया गया, स्क्राइब एक क्लास कम होना चाहिए
- स्क्राइब के अलावा स्टूडेंट को केयरटेकर कम इंवीजिलेटर दिया जाएगा।
- पहले यहां पांच सब्जेक्ट के लिए एक ही स्क्राइबर लिया जा सकता था। - स्टूडेंट स्क्राइब से एक दिन पहले मिल भी सकता है, जबकि पहले स्क्राइबर कई दिन पहले भी मिल सकते थे।
- जिन्हें सीढि़यां चढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है,उन्हें स्पेशल रूम दिया जाएगा।
- पांच सब्जेक्ट में पास हुए तो पास माने जाएंगे
पिछले साल थे 40 दिव्यांग
लास्ट ईयर भी मेरठ में सीबीएसई बोर्ड एग्जाम देने वाले 40 दिव्यांग थे। इस बार परीक्षा देने वाले दिव्यांगों की संख्या 70 है। जिनके लिए स्क्राइब होंगे।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सीबीएसई ने स्क्राइबर की चयन प्रक्रिया में बदलाव किए हैं, जिससे पारदर्शिता आएगी। क्योंकि स्क्राइबर और स्टूडेंट्स की कोई जान पहचान नहीं होगी।
-डॉ। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर