स्टूडेंट्स को नहीं रहा परीक्षा न होने का मलाल
138 स्कूलों के 14,953 स्टूडेंट्स हुए थे रजिस्टर्ड
Meerut। सीबीएसई के दसवीं के रिजल्ट के बाद मार्क्स देखकर स्टूडेंट्स फूले नहीं समाए। वहीं उनके सारे शिकवे भी दूर हो गए। छात्रों के मुताबिक एग्जाम न होने से मार्क्स की काफी टेंशन थी। परीक्षा न होने का मलाल भी था, लेकिन रिजल्ट आने के बाद सारा तनाव काफूर हो गया।
सबसे लंबा रहा इंतजार
बोर्ड एग्जाम के इतिहास में पहली बार स्टूडेंट्स को रिजल्ट के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ा। आमतौर पर मई और जून में ही परिणाम घोषित हो जाते थे। इस बार कोरोना के कारण परीक्षाएं ही नहीं हुई और परिणाम भी काफी लेट आया।
जमकर मनाया जश्न
स्टूडेंटस ने रिजल्ट का जश्न जमकर मनाया। बिना एग्जाम के बोर्ड ने स्टूडेंट्स पर जमकर मार्क्स की बारिश की है। वेस्ट एंड रोड के स्कूलों में ढोल-नगाड़े के साथ जश्न मना। वहीं प्रिंसिपल्स और टीचर्स ने भी स्टूडेंट्स को खूब शुभकामनाएं दी।
ये रही स्थिति
138 स्कूलों के 14,953 स्टूडेंट्स हुए थे रजिस्टर्ड जिले में
4 स्टूडेंट्स को मिले हैं 500 में से 499 मार्क्स
100 मार्क्स पाने वाले स्टूडेंटृस की संख्या इस बार बढ़ी
70-80 प्रतिशत और 80-90 प्रतिशत के ब्रैकेट में एग्रीगेट मार्क्स पाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ी है।
10वीं के रिजल्ट में पिछले तीन साल की स्कूलों की हिस्टोरिक परफॉर्मेस को लिया गया है।
बोर्ड पॉलिसी के तहत 10 प्रतिशत यूनिट टेस्ट, हाफ ईयरली का 30 प्रतिशत और प्री बोर्ड का 40 प्रतिशत हिस्सा लिया गया है।
मेरठ के टॉपर्स की एग्रिगे्रेट प्रतिशत बेहतर रहा है।
मार्कशीट कम सर्टिफिकेट इस बार भी डिजीलॉकर से मिलेगी।
इस रिजल्ट में सब्जेक्ट वाइज अधिकतम मार्क्स लाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ी है। रिजल्ट अच्छा रहा है। स्टूडेंटस काफी खुश हैं।
सुधांशु शेखर, सीबीएसई सिटी कोआर्डिनेटर