नोडल अधिकारी ने दिए निर्देश, की नई शिक्षा नीति पर चर्चा
स्कूलों में रखे जाएंगे काउंसलर, ऑनलाइन क्लास में अच्छा नहीं करने पर पैरेंट्स की होगी काउंसलिंग
डीएम ने कहा, नई शिक्षा नीति का लक्ष्य स्टूडेंट्स को ग्लोबल सिटीजन बनाना
Meerut। जनपद के नोडल अधिकारी रणवीर प्रसाद ने स्कूल, कॉलेजों में तनाव कम करने की कक्षाएं भी संचालित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है जो विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके हैं, उन पर विशेष ध्यान देकर पढ़ाया जाए।
शिक्षा नीति पर बैठक
नोडल अधिकारी विकास भवन सभागार में नई शिक्षा नीति के मुद्दे पर आयोजित बैठक में बोल रहे थे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि यह नीति देश व भावी पीढ़ी के लिए लाभकारी है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों, महाविद्यालयों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुये शैक्षणिक गतिविधियां चालू की जाएं और 18 प्लस के युवाओं का कोरोना टीकाकरण कराया जाए। इस दौरान मौजूद रहे अनेक स्कूल, कॉलेजों के प्रिंसिपल्स और प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे।
पैरेंट्स की करें काउंसिलिंग
नोडल अधिकारी ने कोरोना काल के दौरान चलाई गई ऑनलाइन कक्षाओं के संबंध में फीडबैक भी लिया। उन्होंने कहा कि इन क्लासेज में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले बच्चों को विशेष ध्यान देकर पढ़ाया जाए। उनके माता-पिता की काउंसिलिंग भी की जाए, जिसके लिए हर स्कूल में एक काउंसलर की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।
सुपर पावर बनना लक्ष्य
राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 स्वतंत्र भारत की तीसरी राष्ट्रीय शिक्षा नीति है। इसका लक्ष्य शिक्षा प्रणाली में इस तरह सुधार करना है कि भारत दुनिया में सुपर पावर कहलाए। यह नीति शिक्षा को नई दिशा देने वाली नीति ही नहीं है, वरन भारत की गरीबी दूर करने वाली नीति है, भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की नीति है एवं भारत को आत्मनिर्भर बनाने की नीति है।
ग्लोबल सिटीजन बनेंगे
डीएम के। बालाजी ने कहा कि नई शिक्षा नीति का लक्ष्य स्टूडेंट्स को ग्लोबल सिटीजन बनाना है, जो अपनी जड़ों से जुड़ा हो, अपनी संस्कृति से जुड़ा हो और नैतिकता से भरा हो, तो दूसरी ओर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोडिंग तथा मार्ड्न टेक्नोलॉजी के प्रयोग में भी निपुण हो।
क्लास 9 से चुनेंगे सब्जेक्ट्स
जिला विद्यालय निरीक्षक गिरजेश चौधरी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में एल.के.जी., यू.के.जी, 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 की एक नई व्यवस्था की बात की गई है। क्लास 9 से विषय चुनने की आजादी होगी। हर जिले में कला, कैरियर व खेल संबंधी गतिविधियो में भाग लेने के लिए बाल भवन स्थापित किए जाएंगे। शिक्षकों से गैर शैक्षिक गतिविधियां कराने पर रोक होगी। विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एक ही परीक्षा देनी होगी। इस अवसर पर सीडीओ शशांक चौधरी, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी राजीव गुप्ता सहित अनेक अधिकारी आदि उपस्थित रहे।