मेरठ (ब्यूरो)। हिंदू धर्म में होली के त्योहार का विशेष महत्व है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन और होली की पूजा की जाती है। वहीं, उसके अगले दिन यानी चैत्र प्रतिपदा तिथि को रंग खेला जाता है। बता दें कि इस बार होलिका दहन 7 मार्च और दुल्हैैंडी 8 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं इस बार होली 30 साल बाद शनि स्वराशि कुंभ में विरामान हैं और देवगुरु बृहस्पति 12 साल बाद स्वराशि मीन में विराजमान हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि में त्रिग्रही योग भी बन रहा है। कुंभ में शनि, सूर्य और बुध की युति का भी निर्माण हो रहा है। होली पर ग्रहों की युति का अद्भुत संयोग बेहद शुभ माना जा रहा है।
27 मिनट शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ। अनुराधा गोयल का कहना है कि वैसे तो पूर्णिमा का मान छह मार्च को शाम 4 बजकर 16 मिनट से ही शुरू हो जाएगा और सात मार्च की शाम 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगा। उदया तिथि की प्रधानता और पंचागों के अनुसार होलिका दहन सात मार्च को अत्यंत शुभ रहेगा। सात मार्च को शाम 6.24 बजे से रात 8.51 बजे तक यानी 27 मिनट तक होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रहेगा।
हंस राजयोग बन रहा
ज्योतिष अमित गुप्ता के अनुसार मीन राशि में गुरु और शुक्र की युति से भी शुभ योग बन रहे हैं। शुक्र के अपनी उच्च राशि में होने से मालव्य योग और गुरु के अपने स्वराशि पर होने से हंस राजयोग बन रहा है। यह योग पूजा-पाठ के लिए विशेष सिद्ध कारक माने गए हैं। ऐसे में होली अत्यंत मंगलकारी साबित होगी। पूजा-अर्चना का सैकड़ों गुना फल मिलेगा। ग्रहों से पीडि़त जातकों के लिए यह संयोग किसी वरदान से कम नहीं है।
इन चीजों से दें आहुति
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक डॉ। अनुराधा गोयल के अनुसार होलिका दहन के समय गेहूं-जौ की बालियां, अगोला, कपूर, लोंग, इलायची, कमलगट्टे, सरसों की आखत डालें। अग्नि देव का पूजन करें। इससे महालक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।
ये भी जरूरी
मेष और वृश्चिक राशि के लोग होलिका दहन के समय खैर की लकड़ी डालें लाभदायक होगा।
वृष और तुला राशि वालों को दहन वाले दिन गूलर की लकड़ी दहन करें।
मिथुन और कन्या राशि वालों लोगों के लिए अपामार्ग लकड़ी दहन करें।
धनु और मीन राशि के लोगों के लिए पीपल की लकड़ी दहन करें।
परेशानियों व मुश्किलों के निवारण के लिए कुछ स्टीक उपाय हैं, जिन्हें कर सकते हैं। जैसे शरीर के उबटन को होलिका में जलाने से नाकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
सफलता के लिए होलिका दहन स्थल पर नारियल, पान तथा सुपारी भेंट करें।
गृह क्लेश मुक्ति के लिए होलिका की अग्नि में जौ-आटा चढ़ाए।
भय व कर्ज से निजात पाने के लिए नरसिंह स्त्रोत का पाठ करना लाभदायक होता है।
होलिका दहन के बाद जलती अग्नि में नारियल दलहन करने से नौकरी की बाधाएं दूर होती हैं।
घर-दुकान व कार्यस्थल पर नजर उतारकर होलिका दहन करने से लाभ होता है।
होलिका दहन के दूसरे दिन राख को लेकर लाल रुमाल में बांधकर पैसों के स्थान पर रखने से बेकार के खर्च रुक जाते हैं।
लगातार बीमारियों से परेशान है तो होलिका दहन के बाद बची राख मरीज के सोने वाले स्थान पर छिड़कने से लाभ मिलता है।