मेरठ। हर साल होली का त्योहार रंग, अबीर-गुलाल और गुजिया के स्वाद के साथ मस्ती की बहार लेकर आता है। लेकिन, हरसाल खाद्य पदार्थों में बढ़ रही मिलावट त्योहारों के स्वाद को न सिर्फ बिगाड़ रही है, बल्कि आपकी सेहत तक को नुकसान पहुंचा रही है। खाद्य विभाग के सालाना आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले एक साल में फूड विभाग द्वारा लिए गए 53.63 प्रतिशत यानि 347 सैंपल मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। यानि बाजार में आप जो भी खाद्य पदार्थ खरीद हैं, उसमें आधे से अधिक मिलावटी हैं। थोड़ा सावधान हो जाएं। इस होली जो भी खाद्य पदार्थ आप खरीदें, थोड़ा संभल कर खरीदें।

साढ़े तीन हजार से अधिक निरीक्षण
खाद्य सुरक्षा विभाग ने पिछले एक साल में 3770 स्थानों पर खाद्य पदार्थों का निरीक्षण कर करीब 714 सैंपल लिए थे। इनमें से मात्र 82 सैंपल असुरक्षित और 347 मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए।

फैक्ट-
-53.63 प्रतिशत सैंपल वर्ष 2021-22 में मानक के अनुरूप नहीं पाए गए
- 58.14 प्रतिशत सैंपल फरवरी में मानक के अनुरूप नहीं मिले
-347 सैंपल वित्तीय वर्ष 2021-22 में मानक के अनुरूप नहीं पाए गए
-25 सैंपल फरवरी में मानकों पर खरे नहीं उतरे
-714 सैंपल वित्तीय वर्ष 2021-22 में लिए गए
- 45 सैंपल फरवरी में लिए गए
- 647 जांच रिपोर्ट वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राप्त हुईं
-43 जांच रिपोर्ट फरवरी में प्राप्त हुईं
- 82 सैंपल वित्तीय वर्ष 2021-22 में असुरक्षित पाए गए
-08 सैंपल फरवरी में असुरक्षित मिले
-3770 निरीक्षण वित्तीय वर्ष 2021-22 में हुए
- 354 निरीक्षण फरवरी में किए गए
-630 छापेमारी वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभाग द्वारा की गईं
- 38 छापेमारी फरवरी में विभाग ने कीं
-180 सैंपल वित्तीय वर्ष 2021-22 में अधोमानक मिले
- 16 सैंपल फरवरी में अधोमानक पाए गए

38 लाख से अधिक का जुर्माना
वहीं, विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में खाद्य विभाग ने मिलावट के 208 मामले एडीएम कोर्ट में और 47 मामले एसीजीएम फस्र्ट कोर्ट में दायर किए थे। जबकि फरवरी में 62 मामले कोर्ट में दायर किए गए। इन मामलों में से एडीएम सिटी द्वारा 208 मामले में 3840000 रुपए का जुर्माना लगाया गया और फरवरीके 57 मामलों पर 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। हालांकि इन मामलों में जुर्माने की वसूली आधे से भी कम हुई है।

महंगाई बढ़ाती है मिलावट
होली पर सबसे अधिक मावे के प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं। आमतौर पर बाजार में मावा 200 से 250 रुपये किलो तक मिलता है। लेकिन, होली के सीजन में इसका रेट 400 रुपये प्रति किलो तक हो जाता है। होली आते ही इसकी मांग कई हजार टन तक पहुंच जाती है। इसका फायदा उठाकर ही मिलावटखोर नकली मावा बेचना शुरू कर देते हैं। मावे में दूध से क्रीम निकालकर इसमें यूरिया, डिटरजेंट, रिफाइंड और वनस्पति घी की मिलावट की जाती है। मावे को कई दिन तक ताजा रखने के लिए इसमें शक्कर मिला देते हैं।

ये होती है मिलावट
इलास्टो प्वान-दूध में नीचे जमी चिकनाहट को ऊपर लाने में किया जाता है। इसको खाने से कैंसर हो सकता है।
माल्टो डेक्सट्रिन-मिठास बढ़ाने में इस्तेमाल किया जाता है। ये आंतों को नुकसान पहुंचाता है।
शकरकंदी व सिंघाड़े का आटा-अधिक मुनाफा कमाने के लिए इन्हें मिलाकर मावे का वजन बढ़ाया जाता है। इसके अलावा आलू व मैदे की मिलावट भी की जाती है।

ऐसे करें पहचान
-मावे को अंगूठे के नाखून पर रगड़ें, यदि असली है तो घी की महक आएगी।
- हथेली पर मावे की गोली बनाएं। अगर, फट जाएं तो मावा नकली है।
-मावे को गुनगुने पानी में डालें। इसमें चने का आटा और चुटकी भर हल्दी मिला दें। अगर गुलाबी रंग आता है तो मिलावट है।
-मिठाई को चखकर भी उसके बासी होने या क्वालिटी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
-नकली केसर पानी में डालने के बाद रंग छोडऩे लगता है। असली केसर को पानी में घंटों रख देने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता।

कोट्स

आजकल बाजार में हर चीज में मिलावट आ रही। मिलावट के दौर में अब सबकुछ नकली आने लगा है। मेरी अपील है अपने घर के व्यंजनों का अधिक प्रयोग करें।
- प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू

होली के अवसर पर अक्सर हम बाजार की चीजें खाने पर अधिक फोकस करते हैं। जबकि घर के बने व्यंजनों में जो बात होती है वह बाजार के व्यंजनों में नहीं। आजकल हर चीज में मिलावट आने लगी है। जिससे लोग बीमारी का शिकार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए बेहतर उपाय घर के बने व्यंजनों पर ही फोकस किया जाए।
-डॉ। किरण प्रदीप, पूर्व प्रिंसिपल कनोहर लाल डिग्री कॉलेज

आजकल अधिकतर सभी व्यंजनों में मिलावट आ रही है। बेहतर है सही क्वालिटी के प्रोडक्ट खरीदें और घर पर ही पकवान बनाकर खाएं।
-धीरेंद्र कुमार, रजिस्टार सीसीएस यूनिवर्सिटी

वर्जन
फेस्टिवल सीजन में खाने में मिलावट न हो, इसके लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में लगातार मिलावटी खाद्य पदार्थों को नष्ट कर कार्यवाही कर रहे हैं।
-अर्चना धीरान, डीओ, फूड विभाग