मेरठ (ब्यूरो)। बीते दो दिन की बारिश में ही बरसात का पानी नालों में बहने के बजाए सड़कों पर भी भर रहा है क्योंकि नालों में गंदगी के कारण पानी निकलने की जगह ही नही है। शहर के एक जागरुक नागरिक कुलदीप शर्मा ने जागृति विहार एक्सटेंशन स्थित बड़े नाले के स्थिति को टवीट कर निगम से सफाई की मांग की है।
नहीं दूर हो रही गंदगी
दरअसल, हर साल नगर निगम बरसात से पहले नाला सफाई का अभियान चलाता है। इस क्रम में मई माह में भी अभियान शुरु किया गया था जिसके तहत 30 जून तक नालों की तल्लीझाड़ सफाई होनी थी। लेकिन 30 जून के बाद भी नालों की हालत जस की तस बनी हुई है। नालों में जगह जगह सिल्ट और गंदगी का अंबार लगा हुआ है। सबसे खराब हालत शहर के प्रमुख नाले ओडियन की है। इससे जुडे सभी नाले गंदगी से अटे हुए है। इस संबंध में जागरुक नागरिक कुलदीप शर्मा ने जागृति विहार एक्सटेंशन में पहुंच रहे नाले का फोटो टवीट किया है। इस प्रमुख नाले पर इस कदर सिल्ट भरी हुई है कि बीते शुक्रवार को आई बरसात के बाद पानी सड़कों पर भर गया था।
ओडियन नाले की गंदगी से परेशानी
दरअसल, शहर का सबसे बड़ा नाला ओडियन शहर के बीचों बीच पुराने शहर से गुजरता है। इस नाले में रोजाना सैकडों टन गंदगी गिरती है। स्थानीय लोग कूड़ा कूड़ेदान में डालने के बजाए नाले में फेंक देते हैं। साथ ही इस समय भूमिया पुल, कमेला पुलिया पर जगह जगह निर्माण कार्य चल रहा है। जिस कारण से सफाई में बाधा आ रही है।
ये है स्थिति
30 जून से पहले होनी थी नालों की सफाई
311 नालों की संख्या हैं शहर में
14 बड़े और 186 छोटे नाले शामिल हैं
3 प्रमुख नाले- ओडियन, आबूनाला एक और आबूनाला दो है
प्रमुख छोटे नाले- दिल्ली रोड, मोहनपुरी, कोटला, रुड़की रोड नाला, बच्चा पार्क जलीकोठी नाला प्रमुख हैं
127 के करीब नालियां हैं जो सीधा नालों से जुड़ी हुई हैं
3 डिपो हैं नगर निगम के और हर डिपो का अलग टारगेट है
8 जेसीबी और अन्य मशीनें हैं नालों की सफाई के लिए निगम के पास
3 माह में नालों में गोबर व गंदगी फैलाने वाले 73 के खिलाफ हुई एफआईआर
नालों की सफाई लगातार जारी है। रोजाना जेसीबी लगाकर सिल्ट निकाली जा रही है। लेकिन अधिकतर नालों में रोजाना गंदगी भारी मात्रा में गिरती है। इसके लिए स्थानीय लोगों को भी जागरुक होना पड़ेगा तभी नाले पूरी तरह साफ दिखेंगे।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त