मेरठ ब्यूरो। श्री 1008 शांतिनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर असोड़ा हाउस में अभिषेक एवं शांति धारा हुई। इसमें मुख्य शांतिधारा स्वर्ण झारी से करने का सौभाग्य संजय जैन अतिन परिवार को मिला। वहीं रजत झारी से शांति धारा करने का सौभाग्य वीरेंद्र जैन, प्रिंस जैन विनोद जैन पंकज जैन परिवार को मिला। इसके बाद सभी श्रद्धालुओं ने पूजा व विधान किया।

गुरुवार शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए धार्मिक शिक्षाएं दी गईं। महावीर दीप अर्चना संजय जैन ने कराई। इसके बाद समयबद्धता पुरस्कार बांटे गए। मंदिर परिसर में अजय दीपक विनोद, मनोज, कपिल, सक्षम जैन रचित जैन पूनम शोभा सौम्या अक्षिता आदि उपस्थित रहे।

उत्तम सत्य धर्म की बात की
दिगंबर जैन मंदिर कचहरी रोड पर सोनिया जैन ने उत्तम सत्य धर्म के विषय बताया। उन्होंने कहाकि सत्य का संबंध ज्ञान और विवेक से है। सत्य को बोलने से ज्यादा जानना जरूरी है। मुख से सत्य बोल भी दिया जाए तब भी मन तो षडयंत्र में रमा ही रहता है, इसलिए वचनों तक सीमित सत्य सही मायने में सत्य की परिभाषा में नहीं माना जा सकता है। इतिहास बताता है कि सत्य को सदैव अपमानित किया गया है। यह दुनिया सत्य की पक्षधर नहीं रही है। सत्य अकेला खड़ा होता है और झूठ के साथ पूरा गिरोह होता है। सत्य परेशान तो हो सकता है लेकिन पराजित नहीं।
सत्य तो मधुर होता है
अंतिम विजय सत्य की ही होती है। सच कड़वा होने की धारणा अनुचित है। यह एक प्रकार से सत्य पर मिथ्या लांछन भी है।सच तो स्वाभाविक रूप से मधुर होता है।कड़वाहट सच में नहीं अपितु सत्य बोलने के दंभ के कारण बोलने वाले के मुंह में होती है। मन और सोच कड़वे होंगे तो सच कड़वा ही लगेगा। हमारे जीवन में सत्य आ भी जाए तो उस सत्य को समय की आंधियों से बचाने के लिए हमें अपने मन के संयम पर एक कांच जरूर लगाना होगा। इसके बाद शाम को दीपक अर्चना एवं आरती के पश्चात एक कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें तीन प्रसिद्ध कवियत्री डॉ। शुभम कवि डॉ। अनिल बाजपेई एवं डॉ। चंद्रशेखर मयूर तीनों कवियों ने मंदिर परिसर में जयकारे लगवा कर श्रद्धालुओं को अपनी कविताओं से खूब आकर्षक किया।