मेरठ (ब्यूरो). कोविड संक्रमण कम होने पर प्रदेश सरकार से कक्षा नौ से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोलने की मिली हरी झंडी के बाद सोमवार को लंबे अरसे बाद स्कूल खुले। इस दौरान स्टूडेंट्स भी उत्साह के साथ स्कूल पहुंचे। पुराने दोस्तों से मिलकर स्टूडेंट्स के चेहरे खिल गए। स्टूडेंट्स के आने से स्कूलों की रौनक एक बार फिर लौट आई है। हालांकि पहले दिन स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या कम रही। स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ स्टूडेंट्स को एंट्री दी गई।

एंट्री से पहले हुई थर्मल स्क्रीनिंग
प्रत्यक्ष रूप से क्लास चलीं। स्टूडेंट्स को फेस टू फेस पढ़ाने पर जहां टीचर्स को अच्छा लगा। वहीं स्टूडेंट्स में भी उत्साह दिखा। स्कूलों में कोविड की गाइडलाइन को फॉलो किया गया। सभी को मास्क पहनकर ही एंट्री दी गई। एंट्री से पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। वहीं अगर कोई मास्क लाना भूल गया तो उसको स्कूल की तरफ से मास्क दिया गया। क्लासेज में स्टूडेंट्स को सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर बैठाया गया। हालांकि स्कूलों को खोलने से पहले ही सेनेटाइज किया गया।

70 फीसदी अटेंडेंस
स्कूलों में पहुंचे स्टूडेंट्स सेनेटाइजर और मास्क लेकर पहुंचे। वहीं टीचर्स द्वारा बताए गई कोविड गाइडलाइन को स्टूडेंट्स ने बखूबी फॉलो किया। मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल राहुल केसरवानी ने बताया कि उनके यहां 70 प्रतिशत अटेंडेंस रही। सभी स्टूडेंट में उत्साह था। वहीं दीवान पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल एके दुबे ने बताया कि उनके यहां दो दिन बाद एग्जाम शुरू होने हैैं। इसलिए स्टूडेंट्स कम थे, लेकिन सभी में उत्साह था। वहीं सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अनिता त्रिपाठी ने बताया कि उनके यहां 60 प्रतिशत स्टूडेंट्स आए थे।

क्या कहते हैं स्टूडेंट्स
काफी दिनों बाद दोस्तों से मिले। अपनी टीचर्स के साथ फेस टू फेस काफी समय बाद मिलना हुआ है। कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो किया गया। मास्क पहनकर कर क्लासेज में बैठाया गया। सभी टीचर्स भी मास्क पहनकर पढ़ा रहे थे।
अनन्या मिश्रा, स्टूडेंट

स्टूडेंट्स भी ठीक-ठाक संख्या में आए थे। सभी में उत्साह रहा। कोविड के नियमों को भी पूरी तरह से फॉलो किया गया। सुबह स्कूल पहुंचने का बहुत ही उत्साह था।
सागर, स्टूडेंट

स्कूलों में सभी को काफी उत्साह रहा। टीचर्स व दोस्तों से काफी समय बाद फेस टू फेस मिलना हुआ है। बहुत अच्छा लगा।
दिविशा, स्टूडेंट

ऑनलाइन व ऑफलाइन पढऩे में काफी अंतर है। ऑफलाइन पढऩे में अधिक इंट्रस्ट आता है। ऐसे में स्कूल में स्टूडेंट्स का काफी उत्साह होगा।
अक्षी, स्टूडेंट