केस-1
राहुल की शादी को 14 वर्ष हो गए। संतान नहीं हो पाई। पत्नी की जांच में सब कुछ नार्मल आया। राहुल के स्पर्म की भी जांच हुई। पता चला की उसके स्पर्म खराब हो गए हैं। हिस्ट्री लेने से पता चला की वह कई सालों से गांजा पीता था।

केस-2
केशव की उम्र 30 वर्ष है। शादी के दो साल बीत गए। संतान नहीं हो रही थी। डॉक्टर्स से मिले तो पता चला की केशव की सेक्स पावर बहुत खराब हो चुकी हे। वह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से जूझ रहा है। उसकी हिस्ट्री से भी यही बात सामने आई कि वह 14 वर्ष की उम्र से गांजा पीता था।

मेरठ (ब्यूरो)। युवा गांजे के नशे में मदमस्त हो रहे हैं। धुएं का छल्ला उड़ाते बेफिक्र इस बात से अंजान हैैं कि ये नशा उनकी फर्टिलिटी और सेक्स पावर खत्म कर रहा है। शहर में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। कम उम्र के इन युवाओं को देख डॉक्टर्स भी हैरान हैं। राहुल और केशव चंद उदाहरण हैं। हकीकत यह है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, इनफर्टिलिटी, सेक्स टाइमिंग बहुत कम होने की शिकायत लेकर युवा डॉक्टर्स के पास पहुंच रहे हैं। एक्सपट्र्स का कहना है पुरुषों की टेस्टिंग में इस बात का खुलासा हो रहा है। उनकी सेक्स करने की क्षमता गांजे के सेवन की वजह खराब हो रही है। जिसका असर उनकी शादीशुदा जिंदगी में पड़ रहा है।

ये है स्टडी रिपोर्ट
एक्सपट्र्स बताते हैं कि गांजे का पुरुषों के रिप्रॉडक्टिव ऑर्गंेस और स्पर्म पर बहुत खराब असर होता है। इसको लेकर आई स्टडी रिपोर्ट भी इसका खुलासा करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक स्पर्म गांजे के रिसेप्टर्स होते हैं। इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं, जो न केवल स्पर्म को कमजोर करते हैं। बल्कि इसके कार्य को भी प्रभावित करते हैं। हफ्ते में तीन से पांच दिन गांजे का सेवन करने वाले पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी 40 प्रतिशत तक गिर जाती है। उनके रिप्रॉडक्टिव ऑर्गेंस वीक हो जाते हैं। इससे उनकी सेक्स टाइमिंग बहुत कम हो जाती है। सबसे अधिक मामले युवाओं के आ रहे हैं। टेस्टिंग में ऐसे युवाओं के सेक्सुअल आर्गेंस की नसें बहुत वीक पाई गई। उनके स्पर्म का साइज और क्वालिटी नार्मल से अधिक खराब पाई गई। 30 से 35 वर्ष के पुरुष इस कड़ी में सबसे अधिक मिले। इनके स्पर्म की स्पीड, स्पर्म के चलने की कुशलता, स्पर्म का स्पैन भी काफी खराब पाया गया।

ये हैं गांजे के साइड इफेक्ट
स्पर्म की संख्या में कमी
स्पर्म का निल होना
स्पर्म कंसंट्रेशन में कमी
स्पर्म क्वालिटी और साइज में चेंज आना
हार्मोंस में चेंज होना
सेक्सुअल लाइफ डिस्ट्रबेंस होना

ऐसे पड़ रहा असर
एक्सपर्ट बताते हैं कि गांजे से रिप्रोडक्टिव हार्मोन ल्यूटिनाइजिंग पर असर पड़ता है। संतान उत्पत्ति के लिए ये हार्मोंन सबसे अधिक जरूरी होता है। पुरुषों में यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बैलेंस करता है। गांजे के अधिक सेवन से इस हार्मोन का लेवल बिगड़ जाता है और पुरुषों में इनफर्टिलिटी के लक्षण पनपने शुुरू हो जाते हैं।

इनका है कहना
किसी भी तरह का नशा पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए जिम्मेदार हो सकता है। पुरुषों के स्पर्म इससे खराब हो जाते हैं। गांजा एंडोथेलियल वींस को नुकसान पहुंचाता है। ये इरेक्शन मेंटेन करने में मदद करती हैं।
डॉ। सुनील जिंदल, रिप्रॉडक्टिव स्पेशलिस्ट

गांजा या कोई भी नशा सेमिनिफेरस वींस जहां से स्पर्म का प्रॉडक्शन होता है उन्हें सीधे हानि पहुंचाता है। इससे पुरुषों की फर्टिलिटी कम होने लगती है। मेटाबॉल्जिम कम होने पर इसका असर जल्दी दिखाई देता है।
डॉ। संदीप जैन, अध्यक्ष, क्रिटिकल केयर सोसाइटी

गांजे जैसा नशा ब्लड में घुल जाता है और पूरी बॉडी में सर्कुलेट होता है। रिप्रॉडक्टिव आर्गेंस भी इससे प्रभावित होते हैं। स्पर्म की क्वालिटी, काउंट, साइज में अंतर आने लगता है। इनफर्टिलिटी बढ़ती है। इसे छोडऩे के बाद भी इसका असर शरीर से खत्म नहीं होता है।
डॉ। अनिल नौसरान, सीनियर एमडी