मेरठ (ब्यूरो)। मेरठ जनपद की बात करें तो यहां पर टोटल 1400 स्कूल हैैं, इनमें 932 उच्च प्राथमिक व 468 करीब स्कूल जूनियर हैं। इनमें करीब पौने दो लाख स्टूडेंट्स हैं। वहीं पिछले साल हुए सर्व शिक्षा अभियान के सर्वे के अनुसार आगामी दो-तीन सालों में एक लाख स्टूडेंट्स के स्कूलों में पहुंचने की उम्मीद है। जिनका आंकड़ा दर्ज किया जा चुका है।

क्या करना होगा
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में भेजे गए निर्देशों में कहा है कि प्रत्येक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक निर्धारित किए गए क्षेत्रों में घर-घर जाकर स्कूल जाने व न जाने वाले बच्चों का ब्योरा एकत्रित करें। अगर किसी घर में एक या फिर उससे अधिक बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं तो इसकी सूचना उस घर की दीवार पर रंगीन चौक से दर्ज की जाएगी। इसे एक्टिविटी को हाउस होल्ड सर्वे (एचएचएस) का नाम दिया गया है। अगर किसी घर में दो बच्चें स्कूल से बाहर होंगे तो दीवार पर 2 लिखा जाएगा। इसके साथ ही इन बच्चों को स्कूल लाने के लिए विशेष अभियान भी चलाना होगा। बीएसए योगेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूलों में बच्चों को वापस लाने के लिए अप्रैल माह से अभियान चलाया जा रहा है।

देना होगा सर्टिफिकेट
सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों को घर-घर जाकर प्रत्येक खंड शिक्षाधिकारी को यह सर्टिफिकेट देना होगा कि उनके क्षेत्र में पांचवी पास करने वाले सभी बच्चों ने अगली क्लास में एडमिशन ले लिया है। अगर किसी बच्चे ने एडमिशन नहीं लिया तो उसकी रिपोर्ट भी तैयार करनी होगी।

कितने घरों पर लगाए निशान
बकायदा इस एक्टिविटी में काम करने वाले शिक्षकों को इसके लिए प्रोत्साहन सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। दरअसल, जब यह एक्टिविटी पूरी हो जाएगी तो देखा जाएगा कि किस शिक्षक ने किस एरिया में कितने स्टूडेंट्स के घर पर निशान लगाए हैं। काम के अनुसार टीचर्स को सर्टिफिकेट दिया जाएगा।