मेरठ (ब्यूरो)। परिवहन निगम की हाईटेक व्यवस्था में सेंध लग गई। एक साल से चल रही रीजन की 800 से अधिक इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनें 48 घंटों से शोपीस बनी हुई हैं। दरअसल, ईटीएम ऑपरेट करने वाली कंपनी ओरियन प्रो के डाटा सेंटर में मालवेयर या रैनसम अटैक के कारण होने से रीजन का सारा डाटा गायब हो गया। मैनुअल टिकट बनाने में होने वाली परेशानियों को देखते हुए कई परिचालक ड्यूटी पर जाने से कतरा रहे हैं। वहीं दर्जनों बसों का संचालन भी बाधित हो गया।

सालभर का डाटा गायब
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की सभी बसों को एंड्रायड आधारित नई इलेक्ट्रॉनिक टिकट जारी करने वाली मशीनों से पिछले साल लैस किया गया। यूपी में ओरियन प्रो नाम की कंपनी यह सुविधा मुहैया करा रही है। इसके तहत रीजन में करीब 800 ईटीएम पांचों डिपो में टिकट के लिए उपलब्ध हैं। इस कंपनी का डाटा सेंटर मुंबई में है। डाटा हैकर्स ने कंपनी के डाटा सेंटर पर साइबर अटैक किया, जिसे मालवेयर या रैनसम अटैक बताया जा रहा है। इससे सारे डाटा गायब हो गया और मंगलवार से ही विभिन्न रूटों पर ईटीएम ने काम करना बंद कर दिया। जिसके कारण मैनुअल बस के टिकट जारी कर काम चलाया जा रहा है।

25 लाख का नुकसान
इतना ही नहीं, बसों की ऑनलाइन लोकेशन भी ट्रेस नहीं हो पा रही है। कहा जा रहा है कि हैकर की कारस्तानी से करोड़ों की चपत रोडवेज को लगा सकती है। चूंकि डाटा गायब हो गया है जिससे बसों ने कितनी दूरी तय की और कितना टिकट जारी हुए सारी सूचना कोई पता नहीं है। मेरठ परिक्षेत्र में ही रोडवेज की प्रति दिन की आय 90 लाख रुपये के आसपास है। जिससे प्रतिदिन 25 लाख रुपये की कमी दर्ज की गई है।

668 बसों का संचालन
मेरठ परिक्षेत्र में 668 बसों का संचालन होता है। लगभग सवा लाख यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं लेकिन बसों के पर्याप्त फेरे न लगाने से यह संख्या पिछले दो दिनों से घटकर 96 हजार प्रतिदिन रह गई है। भैसाली डिपो के टाइम आफिस में बुधवार को इंचार्ज समेत तीन चार लोगों का स्टाफ परिचालकों को फोन कर ड्यूटी पर आने की चेतावनी दे रहे थे। पूछने पर बताया कि रोडवेज ने प्रदेश स्तर पर ऑनलाइन टिकङ्क्षटग सिस्टम का ठेका ओरियन प्रो नाम की कंपनी को दिया है। इस कंपनी का सिस्टम हैक हो गया है,

ईटीएम से यह है सुविधाएं
इससेे परिवहन निगम के साथ यात्रियों को भी सुविधा हुई। जहां एक तरफ टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के साथ रियल टाइम एक्चुअल डाटा मिलने लगा, वहीं यात्रियों को टिकट के भुगतान में आने वाली कठिनाइयां भी दूर हुई। इस कार्य से नागरिक सेवाओं का डिजिटाइजेशन भी हुआ।

नहीं निकल रही बसें
वही ईटीएम जारी ना होने का असर बसों के संचालन पर पड़ा है। ईटीएम जारी ना होने से परिचालक ड्यूटी नही कर रहे है। जिसके कारण मंगलवार को रीजन की 50 से अधिक बसें रवाना नही हो सकी।

मंगलवार को यह रही आउटशेडिंग की स्थिति
डिपो शेड्यूल रवानगी
मेरठ 57 45
भैंसाली 80 62
गढ़ 40 30
बड़ौत 55 46
सोहराबगेट 77 64

ईटीएम संग मैनुअल टिकट
रोडवेज के डिपो से बस रवाना करने से पहले उसे ईटीएम के साथ ही पर्याप्त मैनुअल टिकट दिए जाते हैं, ताकि रास्ते में यदि मशीन काम न करे या खराब हो जाए तो यात्रियों को परेशानी न हो। यह समानांतर व्यवस्था मंगलवार को कठिन समय में निगम के काम आई।

इसलिए थमा संचालन
ईटीएम से टिकट बनाने में परिचालक को कोई रिकार्ड नहीं रखना पड़ता है। जबकि मैनुअल में टिकट देने के साथ प्रत्येक स्टाप से कितने यात्री बैठे और कितने उतरे सब का ब्यौरा दर्ज करना पड़ता है। अगर यह न दर्ज किया जाए तो चेङ्क्षकग होने पर परिचालक के खिलाफ कार्रवाई होती है। यही कारण है कि बुधवार को भैसाली और सोहराब गेट डिपो पर बसों की कतारें लगी थी लेकिन स्टाफ मौजूद नहीं था। क्षेत्रीय प्रबंधक केके शर्मा ने बताया कि परिचालकों को मैनुअल टिकट बनाने के आदेश दिए गए हैं, जो परिचालक ड्यूटी पर नहीं आएंगे उन्हें बर्खास्त किया जाएगा।

ईमेल आइडी हो चुकी हैक
अप्रैल के आरंभ में ही मेरठ परिक्षेत्र के सेवा प्रबंधक की आधिकारिक ईमेल आइडी और ट््िवटर एकाउंट हैक कर लिया गया था। हैकर ने उनसे 600 डालर की मांग की थी अन्यथा उनके आपत्ति जनक वीडियो और फोटो सार्वजनिक करने की धमकी दी थी। जिसकी रिपोर्ट साइबर क्राइम सेल में दर्ज कराई गई थी।

कंडक्टर्स को व्यवस्था सामान्य होने तक मैनुअल टिकट पहले की तरह बनाने के निर्देश दिए हुए हैं। इसका असर बसों के आवागमन व टिकट बनाने पर बिल्कुल नहीं पड़ा है।
केके शर्मा, आरएम