मेरठ, (ब्यूरो)। सोहराबगेट बस डिपो से रोजाना लखनऊ रुट से लेकर आगरा, राजस्थान रूट पर चलने वाली मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, गढ़, बुलंदशहर, हापुड, अलीगढ़ आदि के लिए बसों का संचालन होता है। यहां से रोजाना हजारों यात्री बसों में सफर करते हैं। बावजूद इसके यात्रियों के लिए यहां बेसिक सुविधाओं तक का अभाव है।
पार्किंग सुविधा नहीं
सोहराबगेट बस डिपो पर पार्किंग खत्म हुए छह साल से अधिक समय बीत चुका है। पार्किंग स्थल पर झाडिय़ां उग आई हैं लेकिन जगह होने के बाद भी पार्किंग का ठेका नहीं जारी किया जा रहा है। ऐसे में दैनिक यात्रियों के लिए वाहन खड़ा करने का कोई विकल्प नही है।
बसों की जानकारी नहीं
बस डिपो पर आने वाले यात्रियों के लिए सबसे जरुरी है कि उन्हें अपने रूट की बसों की समय से जानकारी मिल जाए। इसके लिए बस डिपो परिसर में बकायदा एक स्टाफ को एनाउसमेंट करने के लिए रखा हुआ है और परिसर में ही एलईडी स्क्रीन लगाई हुई है जिस पर बसों के आने-जाने का समय डिस्पले होता है। मगर यह स्क्रीन पिछले दो साल से बंद है। इस एलईडी स्क्रीन के बंद होने से यात्रियों को बसों की जानकारी नहीं मिल पाती है। एनाउंसमेंट भी केवल कुछ ही बसों के लिए किया जाता है।
शौचालय की हालत खस्ता
बस डिपो परिसर पर आने वाले यात्रियों के लिए नि:शुल्क शौचालय के नाम पर नगर निगम द्वारा एक पुरुष यूरिनल चार साल पहले बनाया गया था। मगर उसकी भी यूरिनल सीट चोरी हो चुकी हैं। ऐसे में यूरिनल गंदगी से भरा रहता है। वहीं महिलाओं के लिए केवल पेड शौचालय बस डिपो पर उपलब्ध है।
सीसीटीवी नेटवर्क फेल
रोडवेज परिसर में यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी का जाल तो बिछा हुआ है लेकिन अधिकतर कैमरे या तो टूट चुके हैं या फिर बंद हैं। रोडवेज परिसर में बंदरों के आंतक के कारण अधिकतर कैमरे गायब है और कुछ के तार तक कटे हुए हैं। ऐसे में यह नेटवर्क भी पूरी तरह फेल है।
पुलिस चौकी राम भरोसे
वहीं बात करें यात्रियों की सुरक्षा के लिए बस डिपो परिसर के बाहर बनाई गई पुलिस चौकी की तो वहां भी अधिकतर समय पुलिस कर्मचारी नदारद रहते हैं। चौकी पर पुलिसकर्मी न होने के कारण यात्रियों को परेशानी होने पर डॉयल 100 का ही सहारा लेना पड़ता है।
कार्यालय की हालत खस्ता
सोहराबगेट बस डिपो की खस्ता हालत न सिर्फ यात्रियों बल्कि खुद रोडवेज के स्टाफ के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। इस बस डिपो का पिछले करीब पांच साल से पीपीपी मॉडल पर नवीनीकरण का मामला चल रहा है। मगर नवीनीकरण के चक्कर में यहां की मेन बिल्डिंग तक की हालत में सुधार तक नहीं हो पा रहा है। हालत यह है कि एआरएम मुख्य कार्यालय के लेंटर से लेकर दीवार तक जगह-जगह जर्जर होने लगी है। ऐेसे में यात्रियों की सुविधा का दावा करने वाले रोडवेज प्रबंधन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
बस डिपो पर यात्रियों की सुविधा के लिए लगातार बसों का समय एनाउंस किया जाता है। इसके अलावा हेल्प डेस्क पर यात्रियों की सभी प्रकार की मदद की जाती है। कुछ तकनीकि खामियों के कारण डिस्पले स्क्रीन काम नहीं कर रही है, उसे जल्द चालू कराया जाएगा।
आरके यादव, एआरएम