गाड़ी का शीशा तोड़ ईसीएम (इंजन कंट्रोल मॉड्युल) बदलकर करते थे चोरी
लैपटॉप में सॉफ्टवेयर की मदद से उसी मॉडल का लगाते थे ईसीएम, तभी लगती थी दूसरी चाबी
पुलिस ने तीस ईसीएम को किया है अबरार की निशानदेही पर बरामद
70 हजार से दो लाख तक के आते हैं ईसीएम, तकनीक में हैं एक्सपर्ट
Meerut। हाजी इकबाल और उसके बेटे हाईटेक तरीके से गाडि़यों की चोरी करने में माहिर हैं। इसके लिए वे बाकायदा लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें निजी रूप से सॉफ्टवेयर तैयार कराकर इंस्टॉल किए गए हैं। यह सारा काम गाडि़यों का इंजन कंट्रोल मॉड्युल (ईसीएम) बदलकर किया जाता था, जो हर गाड़ी में यूनिक होता है। इसके बाद उनका इंजन और चेसिस नंबर बदलकर दूसरे राज्यों में बेच दिया जाता था। पुलिस ने अबरार की निशानदेही पर तीस ईसीएम बरामद किए हैं।
शीशा तोड़कर वारदात
एएसपी डॉ। ईरज रजा ने बताया कि आजकल चोर किसी अन्य चाबी से कार का लॉक नहीं खोल सकता और इंजन स्टार्ट नहीं कर सकता, इसलिए यह गैंग तकनीक का प्रयोग करता है। इसके लिए कार का इंजन कंट्रोल मॉड्युल (ईसीएम) बदल दिया जाता है। वरना कार को केवल उसी की चाबी से ही स्टार्ट किया जा सकता है। इसके लिए बदमाश गाड़ी का शीशा तोड़कर कार में घुसते हैं, फिर लैपटॉप से ईसीएम बेकार करके उसमें उस मॉडल का दूसरा ईसीएम लगाकर वाहन चोरी करते थे।
लैपटॉप से कन्फिग्रेशन
चूंकि हर कार का ईसीएम अलग होता है, तो इतने ईसीएम लाना बदमाशों के लिए संभव नहीं होता। ऐसे में वे लैपटॉप का प्रयोग करते थे। उन्होंने ईसीएम से संबंधित एक सॉफ्टवेयर तैयार कराया है। इसकी मदद से वे ईसीएम को गाड़ी के मॉडल के अनुसार बदल देते थे।
बनवाते थे नए कागजात
इस तरह चोरी की गई गाडि़यों का इंजन और चेसिस नंबर बदल दिया जाता था। इसके बाद आरटीओ कार्यालय से नए कागजात तैयार करा लिए जाते थे। इसके बाद यह गाड़ी नंबर 1 में नए ग्राहक को बेच दी जाती थी। वाहन चोरी करने से लेकर ग्राहक तलाश करने के लिए इनके पास कई राज्यों में मजबूत नेटवर्क फैला हुआ है। लेकिन पुलिस को भी नहीं पता कि इस गैंग ने कितने वाहनों को चोरी किया और उनके नंबर बेच डाले। एएसपी का कहना है कि सभी आरोपी पकड़े जाने के बाद साफ हो सकेगा, कितने वाहनों का कटान किया जा चुका है।
यह गैंग गाड़ी का शीशा तोड़कर ईसीएम बदलकर वाहन चोरी करता है। अबरार की निशानदेही पर 30 ईसीएम बरामद किए गए हैं। इनके कब्जे से कई लाख रुपये के ईसीएम मिले हैं।
डॉ। ईरज रजा, एएसपी, कैंट