मेरठ ब्यूरो । बारिश का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में डेंगू का खतरा भी बढ़ गया है। डेंगू वह बीमारी है जो हर साल खतरनाक संक्रमण की तरह फैलती है। बावजूद इसके, डेंगू पर रोक नहीं लग पा रही है। हालत यह है कि जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के स्तर पर डेंगू को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि हर साल डेंगू के केसों में कमी के बजाए इजाफा हो रहा है। इस स्थिति में जागरुकता का अभाव कहें या जिम्मेदार विभागों की लापरवाही, लेकिन हर साल डेंगू अपने बदलते रूप के साथ आता है। डेंगू के खतरनाक डंक से बचाव और जागरुकता के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट 9 दिवसीय डेंगू का डंक कैंपेन शुरु कर रहा है। इसके तहत विभाग की तैयारियों और उनकी स्थितियों को टटोलेंगे।
क्या है डेंगू
यह एडीज एजिप्टी मच्छर से फैलने वाली बीमारी है। कम ऊंचाई पर उडऩे वाला डेंगू का धारीदार व चमकीला मच्छर तिरछा बैठता है। इसके काटने से तेज बुखार, हडिडयों में दर्द, उल्टी, प्लेटलेट में घातक कमी एवं कई बार शाक सिंड्रोम से मौत तक हो जाती है।
दिन में ही काटता है डेंगू का मच्छर
मच्छर तकनीकी अनुसंधान के अनुसार डेंगू मच्छर मध्यम प्रकाश (सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 से 7 बजे) तक काटता है। डेंगू (एडीज इजिप्टाई) मच्छर पैदा होने वाले घर से 100 मीटर दूर तक जा सकता है और इसी दौरान लोगों को काट सकता है।
यह लक्षण दिखे तो हो सतर्क रहें
- सिर में अधिक और लगातार सिरदर्द होना
- मांसपेशियां, हड्डियों, जोड़ों में दर्द रहना।
- हर समय इंसान का जी मिचलाते रहना।
- बुखार के समय उल्टी आना।
- आंखों के पीछे दर्द होना।
- ग्रंथियों में सूजन आना।
- त्वचा पर लाल चकत्ते होना।
इस तरह से करें बचाव
- पूरी बाजू के कपड़े पहने। जूते मौजे के साथ पहने।
- अपने घर और आसपास पानी एकत्रित न होने दें।
- बासी भोजन कतई न करें।
- दूषित पानी बिलकुल न पीए।
- कूलर, खुले पड़े डिब्बे, टूटी बाल्टी, टायरों आदि में पानी एकत्र न होने दें।
- गड्ढों के पानी में मिट्टी का तेल डाल दें,
आधा दर्जन से अधिक विभाग जुटे
खास बात यह है कि डेंगू को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग समेत जिला मलेरिया विभाग और नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी आदि की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही करीब 11 प्रमुख विभागों पर यह जिम्मेदारी रहती है कि मच्छर जनित रोगों पर लगाम लगा सकें। इनमें पंचायती राज, कृषि विभाग, बाल विकास एंव पुष्टाहार, शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, खाद्य सुरक्षा एवं औषधी विभाग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण और उद्यान विभाग शामिल हैं। लेकिन हर साल डेंगू का डंक फैलता जा रहा है।
संचारी रोग नियंत्रण तक सीमित प्रयास
गौरतलब है कि डेंगू को रोकने के लिए हर साल प्रशासन की ओर से संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू होता है। इस साल भी यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। इसमें इन सभी 11 विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। इनमें नगर निगम शहर में जलभराव, गंदगी से निजात दिलाने के साथ फागिंग कराने का प्रमुख काम करता है। जिला मलेरिया विभाग फागिंग के साथ साथ सैैंपलिंग और जागरुकता का काम करता है। स्वास्थ्य विभाग मरीजों को तुरंत उपचार समेत डेंगू स्पेशल वार्ड बनाकर रोकथाम का प्रयास करता है। इन प्रमुख विभागों के अलावा सभ्ीा विभागों को जागरुकता का काम दिया जाता है।
आठ साल में छह गुना बढ़े मरीज
आश्चर्य की बात यह है कि 11 विभागों की जिम्मेदारी के बाद भी डेंगू पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिसका नतीजा यह है कि आठ साल पहले जहां डेंगू के मरीजों की संख्या 200 से भी कम थी। वहीं साल 2023 में यह बढक़र 1300 से भी पार हो गई है। हालांकि, मेरठ में जांच सुविधा का न होना भी इस संख्या के बढऩे का एक पूरक कारण है।
हर साल डेंगू का हाल-बदहाल
साल डेंगू
2016 195
2017 660
2018 202
2019 215
2020 35
2021 1668
2022 348
2023 1339
संचारी रोगों से बचाव के लिए जागरुकता बहुत जरुरी है। इसके लिए संचारी रोग अभियान शुरु किया जा चुका है। बाकी मलेरिया विभाग पूरी तरह एक्टिव है। लगातार फॉगिंग व सैंपलिंग की जा रही है।
- डॉ। अखिलेश कुमार, सीएमओ