रियल टाइम एंटरप्राइज एसेट मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग करेगा एनसीआरटीसी
यह सिस्टम सफर के एसेट की किसी भी कमी या जोखिम की भविष्यवाणी करने, पहचानने और उसे दूर करने में सक्षम होगा
Meerut। एनसीआरटीसी अपने एसेट्स की न्यूनतम लागत से अधिकतम परफॉरमेंस हासिल करने के लिए आईड्रीम यानी रियल टाइम एंटरप्राइज एसेट मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग करेगा। इस सिस्टम के तहत रैपिड में सफर करने वाले यात्रियों को सुरक्षित सफर की गारंटी मिलेगी। इतना ही नहीं, यह सिस्टम एसेट की किसी भी कमी या जोखिम की भविष्यवाणी करने, पहचानने, उसे सुधारने या दूर करने में सक्षम होगा। इस मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से एनसीआरटीसी रेल मैनेजमेंट के तरीके में डिजिटल क्रांति लाने वाला है।
यह होगा रियल टाइम एंटरप्राइज एसेट मैनेजमेंट सिस्टम
एनसीआरटीसी आरआरटीएस ट्रेनों, एएफसी सिस्टम, प्लेटफॉर्म स्क्रीन दरवाजे, लिफ्ट, एस्केलेटर, सिग्नलिंग, दूरसंचार, इलेक्ट्रिकल, ओएचई उपकरणों और अन्य सिविल संरचनाओं सहित अपनी विभिन्न संसाधनों, प्रणालियों और उप-प्रणालियों के लिए इस आधुनिक रियल टाइम एंटरप्राइज एसेट मैनेजमेंट सिस्टम आईड्रीम का प्रयोग करेगा।
आईड्रीम तकनीक से एनसीआरटीसी विभिन्न स्त्रोतों जैसे बिल्डिंग इंफॉर्मेशन सिस्टम, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीटीएस), इंटरनेट ऑफ थिंग (आईओटी), ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी), पर्यवेक्षक नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (एससीएडीए), भवन प्रबंधन प्रणाली (बीएमएस) से ही डेटा प्राप्त करने के लिए डिजाइन कर रहा है। जिससे बाद में अलग से डेटा फीड करने का कार्य न करना पड़े जो कि काफी समय लेता है।
आईड्रीम एनसीआरटीसी को डेटा कलेक्शन के साथ-साथ हर एसेट की संपूर्ण जीवनचक्र की कैलकुलेशन कर उसके अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित करेगा और भविष्य में होने वाली गलती के बारे में भी पहले से बता सकेगा।
एनसीआरटीसी के अपने कॉर्पोरेट उद्देश्यों पूरा करने के साथ साथ आईड्रीम सिस्टम आरआरटीएस कॉरिडोर के सुरक्षा मानकों में सुधार करने, आíथक विकास मे सहयोग करने और किसी भी प्रकार के विपरीत पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में भी मदद करेगा। इस संबंध में एनसीआरटीसी में आईड्रीम सिस्टम लागू करने के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है।
आरआरटीएस में कई टेक्नोलोजी और संसाधन आपस में सिंक्रनाइजेशन में हैं। जिससे एक सिस्टम का प्रदर्शन दूसरे सिस्टम को प्रभावित करता है। यानी एक सिस्टम में खराबी दूसरे एसेट की कंडीशन और वìकग से संबंधित है। ऐसे में समय पर एक सिस्टम की खराबी का पता चल जाना जरूरी हो जाता है ताकि उसे उसी समय ठीक किया जा सके और उसे दूसरे सिस्टम में जाने से रोका जा सके।
तेजी से पूरा हो रहा निर्माण
वर्तमान में पूरे 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। लगभग 8 किमी आरआरटीएस वायाडक्ट के साथ एलिवेटेड सेक्शन के 800 पियर पहले ही पूरे हो चुके हैं। एरोडायनामिक आरआरटीएस ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी और दिल्ली से मेरठ तक यात्रा के समय को वर्तमान में 3 घंटे से घटाकर कर 60 मिनट पर ला देंगी।