मेरठ ब्यूरो। सीसीएसयू के गणित विभाग व डीआरडीओ की ओर से पांच दिवसीय वर्कशॉप हुई। प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी प्रयागराज के प्रोफेसर पीतम सिंह रहे। इस दौरान उन्होंने रैंकिंग एंड एक्यूरेसी फंक्शन के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने स्कोर फंक्शन के डेवलपमेंट के बारे में बताया।

आतंकी घटनाओं को खतरा

कार्यक्रम के दूसरे सत्र के मुख्य वक्ता नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी जालंधर के रसायन विभाग के प्रो। शैलेंद्र वाजपेई रहे। उन्होंने बताया कि हेल्थ गेम्स का उपयोग विनाशक हथियार के रूप में हो रहा है। इससे आतंकी हमले का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि फजी लॉजिक की अवधारणाओं का उपयोग करके खतरे का अधिक कुशलता से पूर्वानुमान लगा सकते हैं।

मशीन लर्निंग को समझाया

कार्यक्रम के तीसरे सत्र के मुख्य वक्ता ट्रिपल आईटी इलाहाबाद के प्रो। कृष्ण प्रताप सिंह रहे। इन्होंने मशीन लर्निंग के महत्व पर प्रकाश डाला। इन्होंने मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग की तुलना को भी बताया। उन्होंने जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बताया। साथ ही एआई के उपयोग के बारे में बताया। चौथे सत्र के मुख्य वक्ता बात नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी जालंधर के डॉ।अनुपम यादव रहे।

डिसीजन मेकिंग की दी जानकारी

कार्यक्रम के पांचवें सत्र के मुख्य वक्ता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दुर्गापुर के प्रोफेसर समरजीत ने डिसीजन मेकिंग , मल्टी क्राइटेरिया मल्टी अटरीब्यूट डिसीजन मेकिंग तथा मल्टी ऑब्जेक्टिव डिसीजन मेकिंग के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया।उन्होंने बताया कि बहुत से विकल्पों में से सबसे उत्तम विकल्प को मल्टी क्राइटेरिया की मदद से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने मैटेरियलिस्टिक और ह्यूरिस्टिक के बारे में बताया। इन्होंने सॉल्यूशंस के विभिन्न प्रकार जैसे की फिजिकल सॉल्यूशन, नॉन फिजिबल सॉल्यूशन ऑप्टिमल सॉल्यूशन और नियर टू ऑप्टिमल सॉल्यूशंस के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ। संदीप कुमार ने किया। कार्यक्रम के चेयरपर्सन विभाग की प्रो। मुकेश शर्मा तथा डॉ। सरू कुमारी ने किया।