मेरठ (ब्यूरो)। पदाधिकारियों ने कहा कि एनसीआर में डीजल पंप, जेनरेटर, डीजल बस कार को चलने की अनुमति मिली हुई है लेकिन इंडस्ट्रीज डीजल जेनरेटर नही चला सकते है। यह एक प्रकार से एमएसएमई से सौतेला व्यवहार है। उद्योगों को पॉल्यूशन की एनओसी के मानकों में रियायत के साथ प्रदूषण नियंत्रक केद्र स्थापित किए जाने चाहिए।
निगरानी व जांच का काम
उन्होंने कहा कि उद्योग केवल बैकअप के लिए कैनोपी वाले डीजल जेनरेटर का उपयोग करते हैं। इसलिए यह अनुरोध है कि सरकार द्वारा लघु व सूक्ष्म उद्योगों की निगरानी व जांच का काम केवल राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा ही कराया जाए।
उद्योगों को मिले जगह
इसके साथ ही उद्यमियों ने सीजीएसटी के विभागीय आडिट को भी समाप्त करने की मांग और उद्योगों को जगह उपलब्ध कराने की प्रमुख मांग की। ज्ञापन सौंपने वालों में महानगर अध्यक्ष पंकज जैन, महामंत्री योगेंद्र गुप्ता, कोषाध्यक्ष शांतनु टॉक शामिल रहे।