मेरठ (ब्यूरो). आगामी 12 अप्रैल से प्रस्तावित एनईपी प्रथम सेमेस्टर एवं इसके बाद जल्द शुरू होने वाली मुख्य परीक्षाओं को लेकर सीसीएसयू सर्तक हो गई है। इतना ही नहीं, इस संबंध में वीसी ने सख्त नियम भी लागू कर दिए हैं। जिनके तहत क्वेश्चन पेपर के पैकेट को सीसीटीवी की निगरानी में खोला जाएगा। साथ ही इसकी वीडियो बनाकर सीसीएसयू के अधिकृत नंबर पर भेजनी होगी।

एग्जाम को लेकर सख्ती
हाल में यूपी बोर्ड व पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक यूनिवर्सिटी में बीएससी का पेपर आउट होने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन अब चौकन्ना हो गया है। जिसके तहत सीसीएसयू परीक्षा केंद्रों को सीसीटीवी सर्विलांस लैस करने में जुटा है। इतना ही नहीं, परीक्षा केंद्र बने निजी कॉलेजों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इन केंद्रों पर वरिष्ठ केंद्र अधीक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी।

60 दिन रिकॉर्डिंग
जानकारी के मुताबिक अक्सर परीक्षा केंद्रों पर पहले एक या दो दिनों में कैमरों की रिकॉर्डिंग डिलीट कर दी जाती थी। लेकिन अब केंद्रों को सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग न्यूनतम 60 दिनों तक रखनी होगी। क्योंकि जरूरत पडऩे पर किसी भी डेट की रिकॉर्डिंग चेक की जा सकेगी। परीक्षा केंद्रों के मेन गेट सहित प्रत्येक कक्ष में वॉयस रिकॉर्ड युक्त सीसीटीवी कैमरों और रिकॉर्डिंग के लिए डीवीआर लगाना अनिवार्य होगा। वीसी प्रो। संगीता शुक्ला ने कहा है कि किसी भी समय किसी की रिकॉर्डिंग देखी जा सकती है अगर रिकॉर्डिंग नहीं मिली तो उसके लिए केंद्र व्यवस्थापक जवाबदेह होगा।

केंद्रों से होगी वेबकॉस्टिंग
यूनिवर्सिटी के अनुसार परीक्षा केंद्रों से परीक्षा की वेबकॉस्टिंग होगी। कॉलेजों को इसके लिए सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर के साथ राउटर डिवाइस लगानी होगी। यूनिवर्सिटी की इससे सीधी नजर केद्रों पर होगी।

वर्जन
परीक्षा के दौरान कभी भी किसी केंद्र के कैमरों को सचल दस्तों द्वारा चेक किया जा सकता है। अगर कोई कैमरा बंद मिला तो उसकी भी जवाबदेही केंद्रों से ही ली जाएगी, इसलिए पहले से ही केंद्रों द्वारा इस बाबत इंतजाम कर लिए जाएं।
प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी, सीसीएसयू