मेरठ (ब्यूरो)। रोडवेज बसों की दशा को सुधारने के लिए अब परिवहन विभाग के अधिकारी रोडवेज बसों को गोद लेकर उसकी देख-रेख करेंगे। गोद ली बसों की देखभाल संबंधित अधिकारी को एक महीने तक करनी होगी। इसके बाद बसों के अंदर से लेकर बाहर तक का नजारा पूरी तरह बदला हुआ नजर आएगा। इस योजना के पहले चरण के तहत मेरठ रीजन की 14 बसों को अधिकारियों द्वारा गोद लिया जाएगा।
रोडवेज का अभियान
बसों के रख-रखाव, संचालन और यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं में वृद्धि किए जाने के लिए रोडवेज ने इस अभियान शुरू किया है। इसमें विभिन्न आयु वर्ग की बसें भी चयनित की जाएंगी। चयन का आधार एक ही मार्ग पर चलने वाली विभिन्न बसों में से कम लोड फैक्टर और एक ही आयु वर्ग की बसों में कम डीजल औसत रहेगा। इसके लिए पिछले माह में प्राप्त बस का लोड फैक्टर और डीजल औसत की गणना के आधार पर संबंधित अधिकारी बसें गोद लेने की प्रक्रिया में जुट गए हैं।
14 बसों का कायाकल्प
साल 2023 में बसों की स्थिति बेहतर करने का अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में निगम के प्रबंध निदेशक ने क्षेत्रीय प्रबंधक और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश जारी किए है। कार्ययोजना के तहत क्षेत्रीय प्रबंधक व सेवा प्रबंधक अपने क्षेत्र की दो दो बसों बसों को और सभी डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अपने डिपो की 10 बसें गोद लेंगे।
गोद ली जाएंगी बसें
इस योजना के तहत संबंधित अधिकारी चयनित बसों में प्राप्त साधारण कमियों को अधिकतम तीन दिन में दूर कराया जाएगा। चयनित बसों की नियमित निगरानी गोद लेने वाले अधिकारी करेंगे। इसमें समय से बसों का रख-रखाव, निर्धारित मेंटीनेंस, नियमित साफ-सफाई, समय से मार्ग पर संचालन और प्राप्त दैनिक संचालित किमी, आय, डीजल खपत व प्रतिफल शामिल है। बसों को गोद लेने की अवधि एक महीने है। एक माह बाद उन्हें फिर से दूसरी बसों को गोद लेना होगा।
बसें गोद लेने वाले अधिकारी
2- क्षेत्रीय प्रबंधक
2- सेवा प्रबंधक
10- सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक
गोद लेने से बस की पूरी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की रहेगी। बस में होने वाली गंदगी, मेंटिनेंस वर्क और यात्रियों की समस्याओं को तुरंत सही कराया जाएगा। इसका असर कुछ माह बाद रीजन में दिखाई देगा।
केके शर्मा, आरएम