- साढ़े आठ महीने की प्रेग्नेंट महिला को चढ़ाया गया था खून
- खून चढ़ाने के बाद हालत बिगड़ी सुबह हुई मौत
Meerut : खून चढ़ाने के बाद प्रेग्नेंट लेडी की मौत हो जाने से परिजनों ने हॉस्पिटल में काफी हंगामा किया। परिजनों का आरोप था कि खून को बिना जांच के ही चढ़ाया गया। साथ ही इलाज में लापरवाही बरती गई। वहीं हॉस्पिटल और डॉक्टर्स का कहना है कि इलाज पूरी एहतियात बरती गई है। परिजनों ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
चल रहा था इलाज
रजबन छोटा बाजार निवासी आदिल की पत्नी शबीना का साढ़े आठ महीने की प्रेग्नेंट थी। मंगलवार को उसे मूलचंद में भर्ती कराया गया। जहां वो गाइनी एक्सपर्ट डॉक्टर सुनीता जैरथ के अंडर में थी। डॉक्टर ने एनीमिया का भी शिकार बताया और ब्लड लाने को कहा। परिजन पीएल शर्मा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से ब्लड एक्सचेंज कर ए-पॉजिटिव की तीन यूनिट लेकर आए।
रात को बिगड़ गई हालत
जानकारी के अनुसार एक युनिट ब्लड दोपहर देने के बाद रात में दूसरी बोतल चढ़ाई गई। शबीना की तबियत बिगड़नी स्टार्ट हो गई। डॉक्टर्स ने उसे दूसरे हॉस्पिटल में ले जाने को कहा। परिजन उसे आनंद हॉस्पिटल में लेकर गए। वहां डॉक्टर्स ने कहा कि इसे बे्रन हैम्रेज हुआ और दोनों किडनी फेल हो चुकी है। इन्हें उसी हॉस्पिटल में लेकर जाइये।
हो गई मौत
परिजन शबीना को मूलचंद हॉस्पिटल लेकर आ गए। सुबह तक उसकी हालत खराब रही और उसने दम तोड़ दिया। दम तोड़ने के साथ परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। रजबन से छोटू, राहुल, प्रह्लाद सिंह वीर, अनिल गुप्ता, सुनील गुप्ता भी पहुंच गए। वहां उन लोगों ने आरोप लगाया कि खून देने से पहले उसकी प्रोपर जांच क्यों नहीं की गई। जब उसकी हालत क्रिटिकल थी तो उन्हें पहले क्यों नहीं बताया गया। परिजनों ने भाजपा नेता अमन गुप्ता के साथ सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
हॉस्पिटल का तर्क
वहीं हॉस्पिटल की डॉक्टर सुनीता जैरथ का कहना था कि इलाज में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। मैं पेसेंट्स के साथ थी। कभी किसी पेसेंट को बाहर का चढ़ाया खून सूट नहीं करता है। ये खून हॉस्पिटल का भी नहीं था। परिजन अपने आप लेकर आए थे। ऐसे में हॉस्पिटल की कोई गलती नहीं है।