रेलवे रोड, सदर बाजार और टीपीनगर थानों की पुलिस ने की कार्रवाई

रेलवे रोड थाने के माल घर में पुलिस ने जमा किया लाखों रूपये का जब्त सामान

छह महीने से पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है कुख्यात ड्रग्स तस्कर तस्लीम

Meerut। शहर के बड़े ड्रग माफिया तस्लीम के खिलाफ पुलिस का कानूनी शिकंजा सोमवार को कड़ा हो गया। तीन थानों की फोर्स के साथ मछेरान स्थित तस्लीम के घर पहुंची पुलिस ने लाखों रूपये का सामान कब्जे में लेकर कुर्की की कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस ने सारा सामान रेलवे रोड थाने के मालखाने में जमा करा दिया है। तस्लीम छह महीने से ड्रग्स के एक मुकदमे में वांछित चल रहा था। कोर्ट से आदेश मिलने के बाद पुलिस ने कुर्की की है। बता दें कि तस्लीम ड्रग्स के मामले में पहले कई बार जेल जा चुका है।

गैर जमानती वारंट जारी

दरअसल, रेलवे रोड थाने के मछेरान में ड्रग्स माफिया तस्लीम का परिवार रहता है। तस्लीम पिछले करीब 20 साल से शहर और आसपास के जिलों में चरस-गांजा और अन्य नशीले पदार्थ की तस्करी से जुड़ा रहा है। शहर से लेकर देहात तक के भांग के ठेकों पर भी तस्लीम की चरस बेची जाती है। पुलिस दो बार पहले भी तस्लीम को जेल भेज चुकी है। छह माह पहले एनडीपीएस के मुकदमे में तस्लीम को वांछित किया गया था। उसके घर पर दबिश डालने के बाद पुलिस अभी तक ड्रग्स माफिया तस्लीम को नहीं पकड़ सकी है। जिसके बाद रेलवे रोड पुलिस ने आरोपी का कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराया, इसके बावजूद तस्लीम कोर्ट में पेश नहीं हुआ।

संपत्ति की गई कुर्क

सोमवार सुबह रेलवे रोड, सदर बाजार और टीपीनगर थानों की पुलिस बुलाकर तस्लीम के घर की कुर्की की गई है। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि तस्लीम के घर से लाखों रुपये का सामान कब्जे में लेकर थाने में रखवा दिया है। मगर पुलिस के हत्थे अभी तक तस्लीम नहीं चढ़ पाया है, जिसके चलते तस्लीम के घर की संपत्ति कुर्क कर ली गई।

गैंगस्टर में मुकदमा होगा

एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि तस्लीम की गिरफ्तारी के बाद गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। तस्लीम बड़ा ही शातिर अपराधी है। उसकी चरस की सप्लाई जिले के अलावा बाहर के जिलों में भी होती है। पुलिस तस्लीम के लिए चरस की सप्लाई करने वाले अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

यूपी समेत दिल्ली-एनसीआर में भी नेक्सेस

ड्रग्स तस्कर तस्लीम के खिलाफ पुलिस ने बेशक कुर्की की कार्रवाई को अंजाम तो दे दिया लेकिन वेस्ट यूपी के कई जिलों फैला तस्लीम का ड्रग्स नेटवर्क पुलिस ट्रेस नहीं कर पा रही है। हालांकि 2003 में तत्कालीन एसएसपी मुकुल गोयल ने तस्लीम को पकड़कर जेल भिजवाया था। जानकारी के मुताबिक बीते 18 सालों में तस्लीम वेस्ट यूपी समेत दिल्ली-एनसीआर तक तस्लीम ड्रग्स का बड़ा नेक्सेस खड़ा कर चुका है। पुलिस के जानकार कहते हैं कि तस्लीम गांजे से लेकर, चरस, स्मैक, अफीम और हेरोइन तक की बड़ी खेप खपाने में माहिर है जबकि दूसरे तस्कर ये नहीं कर पाते हैं और करते हैं तो पकड़े जाते हैं।

पत्नी भी पार्टनर

रेलवे रोड थाने के पूर्वा हाफिज अब्दुल करीम मछेरान मोहल्ले में हाजी तस्लीम परिवार के साथ रहता है। एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक तस्लीम वेस्ट यूपी समेत दिल्ली-एनसीआर में नशीले पदार्थ का सबसे बड़ा सौदागर है। उसके खिलाफ यूपी के विभिन्न थानों में करीब 30 मुकदमे दर्ज हैं। तस्लीम की पत्नी नशीन भी रियल लाइफ में उसकी पार्टनर होने के साथ ही नशे के धंधे में भी उसकी मददगार है। 2003 और 2016 में जब भी तस्लीम जेल गया था तो उसका नशे का पूरा नेटवर्क नशीन ने ऑपरेट किया था।

25 गुर्गे करते हैं काम

पुलिस की जांच में सामने आया कि मेरठ में ही तस्लीम के लिए 25 गुर्गे काम करते हैं, जो नशीले पदार्थ की सप्लाई उसके बताए स्थानों पर करते हैं। तस्लीम की ड्रग्स सप्लाई की सारा खेल ब्रह्मपुरी, दिल्ली गेट और लिसाड़ी गेट से चलता है।

महंगे कुत्ते और बाइक

तस्लीम दूसरों को ड्रग्स का आदी बनाकर खुद ऐशो-आराम की जिंदगी जीता है। तस्लीम के घर के अंदर रॉट वेलर, बुलडॉग, ग्रेट डैन समेत अलग-अलग नस्लों के महंगे कुत्ते मौजूद हैं। वहीं महंगी बाइकों के शौकीन तस्लीम के घर में आरएक्स15, निंजा, आरटीआर15 जैसी महंगी स्पो‌र्ट्स बाइक की एक लंबी फेहरिस्त भी है।

लूट व हत्या के मुकदमे

पुलिस के मुताबिक तस्लीम मेरठ, बरेली, रामपुर, नोएडा, गाजियाबाद समेत कई जनपदों में उसने करोड़ों की संपत्ति बना रखी है। पुलिस की मानें तो अब तस्लीम नशे के धंधे तक ही सीमित नहीं है बल्कि अब उस पर लूट व जानलेवा हमलों के मकदमे भी दर्ज हैं।

18 से 25 साल के लड़के

सभी तस्करों ने सप्लाई की चेन भी बनाई हुई है। दरअसल, एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक ऐसे लोगों को सप्लाई चेन में शामिल किया जाता है जो शहर के हर एक इलाके के बारे में जानता हो ताकि आसानी से माल पहुचा सके। इतना ही नहीं यदि पुलिस को भनक लग गई तो किन-किन रास्तों से बचकर निकला जा सकता है। इन लोगों को हर बार सही ठिकाने पर माल पहुंचाने पर पांच सौ से एक हजार रूपये तक दिए जाते हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो पैसों के लालच में 18 से 25 साल लड़के ड्रग्स के धंधे से जुड़े हैं।

ड्रग्स के धंधे में नए नाम

यूं तो तस्लीम से बड़ा कोई तस्कर मेरठ और आसपास के जिलों में नहीं है लेकिन शान और पासा का नाम अब लिसाड़ी गेट के बड़े तस्करों में शुमार हो चुका है। यह चरस-अफीम और गांजा सब मुहैया करा देते हैं। हालांकि ये लोगों माल केवल उन्हीं लोगों को देते है जो इनको पहले से जानते हैं या फिर जो सप्लाई करने वाला पुराना लिंक होता है। अब कुछ लड़के बाहर से आकर मेरठ में नशे की तस्करी का काम करने लगे हैं। लालकुर्ती पुलिस ने जिन तस्करों को पकड़ा था, उनमें से एक हरदोई का था। वह बाहर से आकर तस्करी का काम करता था।

कैराना से कनेक्शन

मेरठ में गांजा और अफीम का सीधा कनेक्शन शामली से भी जुड़ा है। शामली में सीधा आंध्र प्रदेश और ओडिशा से गांजा आता है। ऐसे में मेरठ की एसटीएफ की टीम ने 13 जुलाई 2019 को बड़ी कार्रवाई करते हुए 235 किलो गांजे के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। दोनों तस्कर रहने वाले जरूर कैराना के थे, लेकिन उनकी पूरी सप्लाई की चेन मेरठ से जुड़ी थी। 60 लाख कीमत का गांजा पकड़ा गया था। पुलिस ने आबिद व नदीम निवासी कैराना शामली को गिरफ्तार किया था।