पिता-पुत्र को पुलिस ने किया गिरफ्तार

15 सालों में एक हजार से लोगों को बनाया ठगी का शिकार

Meerut : पिता इंस्पेक्टर, बेटा कांस्टेबल। फर्जी पुलिस की ये जोड़ी जहां भी जाती, किसी ने किसी को चूना लगाकर आती। पिछली 15 सालों से एक हजार से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बना चुके शातिर ठग बाप-बेटे की जोड़ी को गुरुवार मेरठ पुलिस ने धर दबोचा। पुलिस ने दोनों की हिस्ट्रीशीट खंगाली तो मेरठ समेत वेस्ट और मिडिल यूपी के जनपदों में दोनों के खिलाफ 25 मुकदमे दर्ज हैं।

एसएसपी ने दी जानकारी

गुरुवार को पुलिस लाइन में एसएसपी अजय साहनी ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि देहलीगेट पुलिस ने सर्राफा व्यापारी से पुलिस वाला बताकर लाखों की ठगी करने वाले 2 शातिर आरोपी पकड़े हैं। दोनों आरोपी बाप-बेट हैं। उन्होंने बताया कि गत अक्टूबर को सर्राफ अनिल कुमार वर्मा निवासी सहारनपुर से मेरठ घंटाघर के पास जैन धर्मशाला के सामने दो ठगों ने ठगी कर ली थी। खुद को पुलिस वाला बताकर दोनों ने वर्मा के बैग की तलाशी ली और 2 किग्रा चांदी, 1.20 लाख रुपए बैग से उड़ा दिए। इस संबंध में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर ठगों की खोजबीन शुरू कर दी। सीसीटीवी में पुलिस को बर्दी पहले हुए ठग दिखाई दिए। जिसमें से एक इंस्पेक्टर की बर्दी पहले था जबकि एक पुलिसकर्मी की बर्दी में था।

रंगेहाथ दबोचा

गुरुवार को एसएसपी के आदेश पर देहली गेट पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बरेली के थाना सीबी गंज के रहने वाले विनोद कुमार शर्मा पुत्र पूरन लाल शर्मा और विवेक शर्मा पुत्र विनोद कुमार शर्मा को धर दबोचा है। ये दोनों बाप-बेट हैं और फिलहाल मुरादाबाद में रह रहे हैं। पूछताछ में दोनों ठगों बताया कि हम दोनों पिता-पुत्र लगभग 15 सालों से ठगी कर रहे हैं। हमने अब तक 1000 से अधिक लोगों के साथ ठगी की है। मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ, चंदौसी, बहजोई, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार आदि शहरों में आरोपियों की ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। 17 सितंबर को मुरादाबाद के मुगलपुरा में एक आदमी से 2 सोने की अंगूठी लूट ली थी। जिसके बाद अखबार में फोटो छप गए थे। दोनों तभी से मुरादाबाद से भाग गए थे।

कारोबारी से ठगी कबूली

पूछताछ में आरोपियों ने मेरठ में कारोबारी के साथ ठगी की वारदात को स्वीकारा है। मेरठ के सिटी रेलवे स्टेशन से मोटर साइकिल से व्यापारी का पीछा किया और घंटाघर के आगे वैली बाजार में खुद को पुलिस अधिकारी बताकर तलाशी के लिए उसे रोका। तलाशी के दौरान 2 किग्रा चांदी और 1.20 लाख रुपए नकदी साफ कर दिए। 1 किग्रा चांदी दिल्ली में एक सुनार को बेच दी। विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि मैं ज्यादातर घटनाओं में पुलिस की वर्दी पहनकर दरोगा बनकर रहता हूं जबकि बेटा पुलिस कांस्टेबल बनकर रहता है।

एक हजार से अधिक शिकार

एसएसपी ने बताया कि दोनों आरोपियों ने सर्राफा व्यवसायों व अन्य लोगों के साथ सैकडों ठगी की घटनाएं की गई। पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर में इनके द्वारा कई घटनाएं की जाती रहीं हैं। ये आरोपी घटना करने के बाद अपना पता बदलते रहते हैं। इनके द्वारा अब तक बताई गई घटनाओं के आधार पर 25 से अधिक मुकदमों का इतिहास मिला है। जबकि पड़ताल जारी है। एसएसपी ने आरोपियों को पकड़ने वाली टीम को 25-25 हजार रुपए का ईनाम दिया है। अन्य प्रदेशों और जनपदों में भी शातिर ठगों की गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है। आरोपी मूल रूप से ग्राम जौहरपुर, थाना सीबी गंज, जनपद बरेली के रहने वाले हैं। इनकी हिस्ट्रीशीट खोलने के लिए एसएसपी ने बरेली के एसएसपी का पत्र लिखा है।