कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में सुविधाएं न होने से प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे खिलाड़ी

कैलाश प्रकाश स्टेडियम में नियुक्त की गईं दो नई महिला कोच

खिलाडि़यों को शूटिंग और कबड्डी की देंगी ट्रेनिंग

Meerut। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में कबड्डी और शूटिंग के लिए दो महिला कोच की नियुक्ति हो गई है। इससे जहां स्पो‌र्ट्स में बेहतर होने की उम्मीद लगाई जा रही है। वहीं, स्टेडियम में सुविधाएं न होने से प्लेयर्स की प्रैक्टिस कैसे होगी।

इंटरनेशनल खिलाड़ी नहीं

पूर्व कबड्डी कोच किरणपाल ने बताया कि वो स्टेडियम में 2017-18 में कोच रहे हैं। उनके अंडर में उस समय में 100 खिलाड़ी ट्रेनिंग लेते थे, लेकिन बीते दो साल से किसी कोच की नियुक्ति नहीं है। इससे अब कबड्डी के खिलाड़ी भी नहीं है। खिलाडि़यों के अनुसार स्टेडियम में सुविधाओं की कमी है। कबड्डी के लिए मैट तो है, पर पक्का सेट नहीं है। इस पर मैट बिछाकर प्रैक्टिस कराई जाए,

सुविधाओं की कमी

स्टेडियम के पूर्व कोच किरणपाल ने बताया कि सुविधाओं की कमी के कारण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खिलाड़ी उम्मीद के मुताबिक बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। हालांकि, तमाम संघर्षो के बावजूद उनके अंडर में दो तीन नेशनल खिलाड़ी बन चुके है। अब साल 2021 में कबड्डी की महिला कोच की संविदा पर नियुक्ति हुई है। उम्मीद है कि महिला कोच की नियुक्ति के कारण महिला खिलाडि़यों की संख्या बढ़ेगी।

बेहतर सुविधा दिलाने का वादा

कोच अप्सरा ने कहाकि अभी ज्वाइनिंग लेटर मिला है, जल्द ही अब अपना काम शुरु कर देंगे। स्टेडियम में सबसे पहले सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मांग उठाऊंगी, ताकि खिलाडि़यों को बेहतर सुविधाओं के साथ ही बेहतर ट्रेनिंग मिल सकें। वहीं कोच संजू ने बताया कि ज्वाइनिंग मिलते ही मेरा प्रयास रहेगा कि खिलाडि़यों को बेहतर से बेहतर सुविधाओं के साथ प्रैक्टिस करा सकूं। जिससे खिलाड़ी देशभर में नाम रोशन कर सकें।

नहीं है बेहतर शूटिंग रेंज

शूटिंग कोच संदीप नागर ने बताया कि वो 2015 से एडोप्टेड कोच के तौर पर स्टेडियम में सिखा रहे हैं। उनके अंडर में 15 खिलाड़ी है। इनमें सात ग‌र्ल्स खिलाड़ी है। उनके अंडर में नेशनल ट्रायल सिलेक्शन में 2 या तीन खिलाड़ी निकल चुके है। वहीं खिलाडि़यों के अनुसार स्टेडियम में सुविधाओं की बात करें तो यहां इलेक्ट्रोनिक शूटिंग रेंज जो छह किलोमीटर तक की रेंज की ही बनी है, जबकि कम से कम 15 रेंज की शूटिंग होनी चाहिए। प्रॉपर 20 से 25 किलोमीटर तक की होनी चाहिए। वहीं स्टेडियम में पुलिंग है जो बहुत पुरानी है, लाइट, एसी पंखे आदि सुविधाओं की कमी है। कोच संदीप के अनुसार सुविधाओं की कमी के चलते ही खिलाडि़यों को प्राइवेट रेंज की ओर भागना पड़ता है। उन्होनें बताया कि अभी आठ करोड़ करीब बजट शूटिंग रेंज के लिए पास तो हुआ है इससे उम्मीद है शायद सुधार हो सकें। अब स्टेडियम में एक महिला कोच आ रही है जो शूटिंग सिखाएंगी।

सुविधाओं की कमी के चलते खिलाडि़यों का निकलना मुश्किल हो जाता है, लेकिन अब बजट मिलने से सुविधाएं बेहतर होने की उम्मीद है।

संदीप नागर, शूटिंग कोच

फिलहाल कोच व सुविधाएं दोनों ही नहीं थे, इसलिए खिलाड़ी भी नहीं आ रहे है, जबकि पहले सौ करीब खिलाड़ी कबड्डी खेलने आते थे।

किरणपाल, कबड्डी कोच

अपने स्तर पर ही प्रैक्टिस करनी पड़ती है स्टेडियम में सुविधाओं की बहुत ही कमी है, जिससे काफी मुश्किलों का सामना करन पड़ता है।

अभिनव, नेशनल प्लेयर

सुविधाओं की कमी के साथ ही प्रैक्टिस कर रहे है, जो कि मुश्किल पड़ जाता है। स्टेडियम में इन सुविधाओं को सुधारने की आवश्यकता है।

सूरज, नेशनल प्लेयर

सुविधाएं नहीं होती, इसलिए प्लेयर्स को प्राइवेट एकेडमी की ओर भागना पड़ता है। जिसके पास पैसा नहीं तो वो कैसे प्राइवेट एकेडमी जाएगा, इसके चक्कर में काफी खिलाड़ी नहीं पनप पा रहे है।

अंकित, नेशनल प्लेयर