मेरठ (ब्यूरो)। मेरठ के खिलाड़ी आज देश और दुनिया की हर प्रतियोगिता में अपना परचम लहरा रहे हैैं। ये खिलाड़ी न केवल मेडल ला रहे हैैं बल्कि मेरठ का नाम भी रोशन कर रहे हैैं। मगर सुविधा के नाम इन खिलाडिय़ों के लिए कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम में न तो प्रॉपर कोच की व्यवस्था है और न ही ट्रेनिंग की। ऐसा क्यों है, ये जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कार्यवाहक रीजनल स्पोट्र्स ऑफिसर अब्दुल अहमद से लंबी बातचीत की।

सवाल- स्टेडियम में खिलाडिय़ों को प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं मिल पाती है?
जवाब- स्टेडियम में खिलाडिय़ों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। शूटिंग, जिनमास्टिक, वालीबॉल, वुशू और जूडो की प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैैं।

सवाल- स्टेडियम में एक भी स्थाई कोच नहीं है?
जवाब- अगर देखा जाए तो यूपी में 1500 स्थाई कोच की अवश्यकता है, जबकि केवल 100 स्थाई कोच हैैं। वहीं 500 डिप्टी कोच होने चाहिए लेकिन नहीं हैैं। हालांकि संविदा पर करीब 400 कोच की व्यवस्था है। हां, ये सही है कि मेरठ में एक भी स्थाई कोच नहीं है, जिसके चलते खिलाडिय़ों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जल्द स्थायी कोच की व्यवस्था की जाएगी।

सवाल- शूटिंग रेंज का इंतजार कब खत्म होगा?
जवाब- शूटिंग रेंज के लिए जांच हुई थी, रिपोर्ट भी लगाई गई। कुछ पैसा आया उसमें काम भी हुआ, लेकिन बाकी पैसा आना बाकी है, पैसा आते ही आगे की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी।।

सवाल- अवैध स्वीमिंग पूल्स पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है?
जवाब- ऐसा नहीं है कि इन पर कार्रवाई नहीं होती है, मानकों के अनुसार कुछ ने एनओसी के अप्लाई भी किया था, लेकिन जिन्होंने नहीं किया है उनकी जांच की जाएगी। जो स्वीमिंग पूल बिना एनओसी के चल रहे हैं और मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैैं, ऐसे स्वीमिंग पूल्स को बंद किया जाएगा।

सवाल- महिला खिलाडिय़ों के लिए महिला कोच की क्या व्यवस्था है?
जवाब- हमारे स्टेडियम में शूटिंग, जिनमास्टिक, वालीबॉल, वुशू और जूडो के पांच महिला कोच हैं। हमारा मकसद है केवल अच्छा कोच उपलब्ध हो, चाहे महिला हो या पुरुष।

सवाल- स्टेडियम में खिलाडिय़ों की सुरक्षा के क्या इंतजाम हैैं?
जवाब- यहां हर खिलाड़ी सुरक्षित है, क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए गेट पर 24 घंटा गार्ड रहता है। बिना कार्ड किसी को एंट्री नहीं दी जाती है, जब खिलाडिय़ों की प्रैक्टिस का समय होता है केवल तभी यहां खिलाड़ी होते हैं, बिना बात के यहां किसी को रूकने की इजाजत नहीं दी जाती है।