मेरठ (ब्यूरो)।पानी की चोरीयह सुनने में ही अटपटा लगता है, लेकिन यह हो रहा है।कैंट एरिया में हजारों लोगों ने अवैध पानी कनेक्शन ले रखे हैं। अब ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है। कुल 20 हजार घरों में से आठ हजार का सर्वे पूरा हो चुका है।इनमें दो हजार अवैध कनेक्शन पाए जाने पर नोटिस भेजे गए हैं। बाकी घरों का सर्वे अभी जारी है।सर्वे पूरा होने के बाद बाकी दोषियों को भी नोटिस भेजकर जुर्माना वसूला जाएगा।
कर रहे थे दोहन
कैंट एरिया में पानी की चोरी बोर्ड के लिए सिर दर्द बना हुआ है। अभी तक के सर्वे में दो हजार अवैध कनेक्शन पाए गए हैं। ये लोग लाइन के बीच में पाइप लाइन जोड़कर पानी की चोरी कर रहे थे। हालांकि अभी जारी सर्वे में अनुमान लगाया जा रहा है कि चार हजार और लोग ऐसे हैं जो पानी का दोहन कर रहे हैं। सर्वे के बाद इनको भी नोटिस भेजकर जुर्माना वसूला जाएगा।
600 रुपये है फिक्स चार्ज
छावनी क्षेत्र में पानी कनेक्शन के लिए सालभर का फिक्स चार्ज 600 रुपये है। इसके अलावा लाइन चार्ज अलग से होते हैं। पानी का 40 रुपये महीना अलग चार्ज देना होता है। मुख्य लाइन से पानी का कनेक्शन लेने वाले का घर जितना दूर होगा। उस हिसाब से चार्ज लिया जाता है।
अब देना होगा जुर्माना
अब अवैध कनेक्शन के जरिये पानी का दोहन करने वालों पर नकेल कसने के लिए अब बोर्ड ने कदम उठाया है। बोर्ड अब ऐसे लोगों से पानी के चार्ज के साथ ही पाइप लाइन जोडऩे का भी अलग से चार्ज वसूलेगा।
कैंट बोर्ड ही जोड़ता है कनेक्शन
यदि किसी को कैंट क्षेत्र में पानी का कनेक्शन लेना होता है तो पहले कैंट बोर्ड में आवेदन देना होगा। जो ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों दिए जा सकते हैं। हालांकि इस वक्त ऑनलाइन पर ही फोकस किया जा रहा है। उसके बाद कैंट बोर्ड के कर्मचारी जाकर लाइन को जोड़ते हैं। उससे पहले उसका एस्टीमेट भी तैयार किया जाता है। जितने का एस्टीमेट बनता है। वह पैसे पानी का कनेक्शन लेने वाले को देना होता है।
बोर्ड तय करता है चार्ज
कैंट क्षेत्र में पानी के कनेक्शन के लिए जो चार्ज लिया जाता है। उसे कैंट बोर्ड तय करता है। वहीं अवैध कनेक्शन के लिए दस हजार रुपये शुल्क व जबसे कनेक्शन चल रहा है, तब से 40 रुपये महीना जोड़कर वसूला जाएगा।
दो हजार लोगों ने अवैध रूप से पानी की पाइप लाइन को जोड़कर कनेक्शन ले रखा था उनको नोटिस जारी किया है। उनसे जुर्माना वसूला जाएगा उसके बाद उनको कनेक्शन दिया जाएगा जिसका अलग चार्ज होगा।
ज्योति कुुुुुुमार, सीईओ कैंट बोर्ड